EOU की जांच में पहली बार पेपर लीक माफिया साइबर अपराधियों का गठजोड़ सामने आया, MBBS कर रहे छात्र बने थे सॉल्वर्स

नई दिल्ली

नीट पेपर गड़बड़ी का मामला सुर्खियों में है. इस मामले में धड़ाधड़ गिरफ्तारियां हो रही हैं. अब तक जांच के दौरान चार राज्यों से 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

ईओयू की जांच में पहली बार पेपर लीक माफिया साइबर अपराधियों का गठजोड़ सामने आया है. पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया गिरोह के तार साइबर अपराधियों से जुड़े हैं. साइबर अपराधियों ने संजीव मुखिया गिरोह के लोगों को सिम कार्ड और शेल्टर मुहैया कराया था. इसके बाद पेपर लीक माफिया ने फर्जी तरीके से लिए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था.

नीट पेपर गड़बड़ी मामले में अब तक कुल 24 गिरफ्तारियां हुई हैं. इनमें से 13 लोगों को बिहार के पटना, झारखंड के देवघर से 5, गुजरात के गोधरा से 5, महाराष्ट्र के लातूर से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.

ईओयू ने झारखंड के देवघर से जिन पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें तीन साइबर अपराधी हैं. काजू, बिट्टू और पंकु मुख्यतौर पर साइबर अपराधी हैं. इनके पास से 11 पोस्ट डेटेड चेक, दर्जनों सिम कार्ड भी बरामद किए हैं.

ईओयू को रांची के रॉकी की भी तलाश थी. बता दें कि रॉकी, संजीव मुखिया का भांजा है. रांची में राकेश रंजन उर्फ रॉकी होटल चलाता है.

पेपर लीक होने के बाद उसे हल करने के लिए रॉकी ने ही सॉल्वर्स का जुगाड़ किया था. रांची और पटना के MBBS छात्रों का सॉल्वर्स के तौर पर इस्तेमाल किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, रॉकी दरअसल संजीव मुखिया का बड़ा राजदार है. सीबीआई के लिए अब संजीव के साथ-साथ रॉकी तक पहुंचना भी चुनौती है.

सीबीआई ने शुरू की पेपर लीक की जांच

सीबीआई ने कथित पेपर लीक की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने इस मामले में सभी पांच केस  बिहार और गुजरात में एक-एक और राजस्थान में पेपर लीक के पांच मामलों की जांच करेगी. इस बीच ईओयू ने जांच सीबीआई को सौंप दी है.

क्यों नहीं की जा सकती संजीव मुखिया की गिरफ्तारी?

शिक्षक भर्ती लीक कांड में संजीव मुखिया और उसके बेटे शिव दोनों को गिरफ्तार किया गाय थाय. लेकिन कुछ समय बाद ही वह जेल से छूट गया था. नीट पेपर लीक मामले में पांच मई को एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके ठीक एक महीने बाद पांच जून को पटना के एडीजी-5 न्यायालय ने संजीव मुखिया के लिए नो-कोहेसिव ऑर्डर (No Cohesive Order) जारी किया था. इस आदेश के बाद उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है. आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि शास्त्रीनगर में नीट मामले को लेकर दर्ज एफआईआर संख्या 358/2024 में भी उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है.

कौन है संजीव मुखिया?

NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड है संजीव मुखिया. उसे लूटन के नाम से भी जाना जाता है, वह पेपर लीक इंडस्ट्री में कुख्यात है. वह पहली बार 2010 में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करके छात्रों को नकल करने में मदद करने के लिए बदनाम हुआ था. इस साल ही, उसके गिरोह को NEET, UP पुलिस कांस्टेबल भर्ती और BPSC परीक्षा लीक में दबोचा गया है.

संजीव के बेटे शिव कुमार को BPSC लीक में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था और वह अभी जेल में है. जांच में पता चला कि शिव कुमार कई परीक्षा पेपर लीक में शामिल था. संजीव की पत्नी ममता देवी ने पहले रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

NEET पेपर लीक के आरोपियों की जमानत याचिका पर आज सुनवाई

नीट पेपर लीक के आरोपियों की जमानत पर मंगलवार को पटना सिविल कोर्ट में सुनवाई होनी है. कोर्ट संजीव मुखिया की अग्रिम जमानत याचिका और कुछ अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केस डायरी पेश करने को कहा था.

कैसे हुआ लीक का शक

5 मई, 2024 को आयोजित नीट यूजी-2024 परीक्षा के परिणाम घोषित होने पर तुरंत बाद सवाल खड़े होने शुरू हो गए.दरअसल ऐसा पहली बार हुआ था जब नीट की परीक्षा में 67 छात्रों ने 720/720 अंक प्राप्त किए थे. क्योंकि अक्सर ऐसा होता रहा है कि 2 या 3 ही टॉपर रहे थे. जैसे ही यह पता चला कि 67 लोग टॉपर हैं तो शक की सुई घूमने लगी. मामला हाइलाइट हुआ और मेडिकल छात्रों और शिक्षकों ने ने चिंता जताते हुए अनियमितताओं को चिन्हित किया और जांच की मांग की.

पटना पुलिस के एक्शन से पेपर लीक मामला प्रकाश में आया

परीक्षा के दिन, पटना पुलिस (शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन) ने एक टिप के आधार पर कथित पेपर लीक पर मामला दर्ज किया था, जिसके बाद छापेमारी और गिरफ्तारियां हुईं. पटना पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया, जो शास्त्रीनगर एसएचओ अमर कुमार के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था, जिन्हें नीट उम्मीदवारों द्वारा खुद व्यक्तिगत सूचना दी थी. कॉल करने वाले ने पेपर लीक में शामिल नीट उम्मीदवारों को ले जा रही एक डस्टर कार के बारे में विस्तार से बताया था.

उन्होंने बताया कि 5 मई 2024 को दोपहर 2:05 बजे (2 बजे नीट यूजी का पेपर शुरू हुआ था.) गश्ती के क्रम में सूचना मिली कि आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का पेपर लीक किया गया है. आगे बताया गया कि सफेद रेनॉल्ट डस्टर गाड़ी में गिरोह के सदस्य परीक्षा केंद्र आसपास ही घूम रहे हैं. एसएचओ ने आगे बताया कि (FIR के आधार पर) गाड़ी की तलाश के लिए बेली रोड पर राजवंशी नगर मोड के पास गाड़ी चेकिंग शुरू किया.

चेकिंग के दौरान बेली रोड पर पटेल भवन की तरफ से सफेद रंग की रेनॉल्ट डस्टर गाड़ी सामने आते हुए दिखाई दी, जिसकी घेराबंदी करके रोका गया. गाड़ी में तीन लोग थे, जो गाड़ी रोककर तेजी से भगाने की कोशिश करने लगे. पुलिस ने उन्हें बल के सहयोग से पकड़ा. पकड़े गए लोगों से जब नाम पूछा गया तो एक का नाम सिकंदर यादवेंदु (56 वर्षीय), दूसरे का अखिलेश कुमार (43 वर्षीय) और तीसरे के नाम बिट्टू कुमार (38 वर्षीय) बताया.

 

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