अधीर रंजन का सरकार से सवाल, जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष पहले से है तो इसके समानांतर फंड की क्या जरुरत

नई दिल्ली 
लोकसभा में कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के बेहरामपुर से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कई सवाल पूछे हैं। अधीर रंजन चौधरी ने संसद में कहा है कि मैं हमारे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछना चाहता हूं कि जब हमारे पास प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) पहले से है तो इसके समानांतर फंड बनाने की क्या जरुरत है।  उन्होंने कहा है कि मैं एफएम से पूछना चाहता हूं कि क्या यह सच है आपने गलवान घाटी में भारती जवान और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद चीनी बैंकों से कर्च लिया था। उन्होंने पूछा कि अप्रैल के बाद से चीन से कितना लोन लिया गया है। दूसरी ओर द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने भी पीएम केयर्स फंड के गठन का विरोध किया और आरोप लगाया कि इसमें पारदर्शिता की कमी है। लोकसभा में कराधान और अन्य विधियां (कतिपय उपबंधों का संशोधन एवं छूट) विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड के गठन का क्या तर्क है जबकि पहले से ही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष मौजूद है। 

विधेयक में कोविड-19 के मद्देनजर करदाताओं को कर अदायगी में राहत पहुंचाने, रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को बढ़ाने, पीएक केयर्स फंड को दान देने पर कर रियायत की बात कही गई है। चर्चा के दौरान आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा, ''मुझे अलग कोष के गठन के पीछे का तर्क समझ नहीं आता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और प्रधानमंत्री केयर्स फंड के बीच अंतर क्या है।   उन्होंने कहा, 'आठ अलग अलग कानूनों में संशोधन किया जा रहा है और इसमें से एक महत्वपूर्ण कानून आयकर अधिनियम 1961 है। प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि पीएम केयर्स फंड में पारदर्शिता का आभाव है क्योंकि इसका आडिट नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा नहीं हो सकता है।  चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सुभाष बहेड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को समय पर पैसा लौटाया है जिसके लिए यह सरकार बधाई की हकदार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर का दायरा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। सरकार ने लघु एवं मध्यम उद्योगों की तरफ विशेष ध्यान दिया।

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