रामपुर और श्रृंगारपुर में नहीं रुक रहा रेत का अवैध उत्खनन और परिवहर

छतरपुर
आनंदेस्वर फूड लिमिटेड कंपनी द्वारा रामपुर और श्रृंगारपुर में नहीं रुक रहा रेत का अवैध उत्खनन, किसानों की निजी भूमि से 100 फीट तक गहराई से रेत निकाली जा रही है। नदी तट से 5 किलोमीटर दूरी के खेतों से  को भी वह अब नहीं छोड़ रहे हैं।  आचार सहिंता का फायदा उठाकर प्रशासनिक अधिकारीओं और रेत माफियाओं का गढजोड चल रहा है। जिले के दर्जनों युवाओं से नदी का पॉइंट देने के लालच में निजी भूमिन से अवैध उत्खनन कराया जा रहा है।

दर्जनों पोकलैंड मशीनों और सैकड़ों ट्रकों रात-दिन चीरा जा रहा धरती का सीना, सेंकडों ट्रक अवैध रेत रोजाना सीमा पार पर जा रही है। बिना कुछ करे कंपनी 7 गुना प्रॉफिट कमा रहीं।  डंप के पिटपास देकर 5000 में 1 ट्रक रेत खरीदी करती है कंपनी और उसी रेत को उप्र में 30 से 35000 में कंपनी बेचती है। अपना पूरा 110 करोड़ मात्र डंप रॉयल्टी बेच कर निकालने की फिराक में  कंपनी, जबकि केन के तटों से रेत उत्खनन नहीं हुआ है।  जिले के सैकड़ों युवा आनदेस्वर कंपनी के झांसे में फंसे हुए हैं। , 5000 प्रति ट्रक के भाव में खुद जमीन की व्यवस्था कर मशीनों द्वारा रेत खनन कर कंपनी कोबेचते हैं । मतलब कहीं से भी रेत खोद कर ले आओ कंपनी 5000 में खरीद लेगी। इस पूरे खेल में प्रशासन को मोटी रकम पहुंचाने के एवज में वह बिलकुल नतमस्त बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन का वही रटा रटाया जवाब है कि हम कार्रवाई कर रहे हैं, वहां कोई अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। लेकिन अभी तक नामजद आनंदेश्वर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। समस्या को लेकर क्षेत्रीय जनता में खासा आक्रोश देखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि इस अवैध कारोबार के प्रति पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए कांग्रेस ने भी आवाज उठाई थी। उन्होंने अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों को ज्ञापन भेजकर बताया था कि राज्य शासन के द्वारा समय-समय पर पर्यवारण और नदियों की सुरक्षा का संकल्प दोहराया जाता है किंतु छतरपुर जिले में शासन की मंशा के विरुद्ध रेत ठेकेदार कंपनी आनंदेश्वर एग्रो लखनऊ के द्वारा पर्यवारण नियमों और रेत नीति की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

पुल पर भी मंंडरा रहा खतरा
चंदला-गौरिहार क्षेत्र में इन रेत माफियाओं ने सारी सीमाओं को पार कर रखा है। गौरिहार थाना क्षेत्र के रामपुर में स्थित केन नदी के पुल पर रेत से ओवर लोड दज्रनों ट्रकों-ट्रालों की लंबी कतार आये दिन लगी देखने को मिल रही है। एक पुल पर एक साथ दर्जनों ओवर लोड वाहन खड़े होने से उसका अस्तित्व खतरे में है। पुल की क्षमता से कई गुना अधिक ओवर लोड ट्रक पुल पर खड़े रहते हैं और वहां से गुजरते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि प्रशासन रेत माफियाओं के पीछे बिलकुल आंख बंद किए हुए हैं। पुल की इस हालत को देखकर न तो पीडब्लूडी विभाग को चिंता है और न ही राजस्व, पुलिस व पुलिस प्रशासन सहित खनिज विभाग का ध्यान जा रहा है।

Back to top button