सत्ता के लालची बंदर न बनें शिवराज- कमलेश्वर पटेल

भोपाल
शिवराज सिंह चौहान अब निराश होकर बेशर्मी से उन्हीं ग्रामीण सड़कों का वर्चुअल लोकार्पण कर रहे हैं जो कमलनाथ सरकार में स्वीकृत होकर पूरी हो चुकीं हैं।पूर्व पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि पिछले 15 सालों से झूठ बोलते-बोलते अब पूरी भाजपा को सच बोलने से डर लगने लगा है।

पटेल ने कहा कि चुनाव आयोग को भी यह बात संज्ञान में लेना चाहिए कि क्या वर्चुअल लोकार्पण की झूठी खबरों के फैलने से आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा। उन्होने कहा कि जिन 13 हजार ग्रामीण सड़कों के लोकार्पण की बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे हैं क्या वे 24 मार्च के बाद से लाकडाउन और कोरोना संकट में बनाईं गयीं हैं ? उन्होने कहा कि जब सभी लोग कोरोना वायरस से जान बचाने के लिये भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों में थे तो 13 हजार सड़कों का निर्माण कैसे हुआ ?

पटैल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान जनता से और कितने झूठ बोलेंगे। अब तो झूठ को भी शर्म आने लगी है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान इतने सारे झूठ बोलकर चैन की नींद कैसे सो पाते हैं? अब तो प्रदेश क्या पूरे देश में छल कपट की नीतियों का पर्दाफाश हो चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता से वोट मांगने का नैतिक साहस तो अब रहा नहीं क्योंकि अब पूरी भाजपा जनता की नजर में लुटेरी साबित हो चुकी है। अब यह साबित हो चुका है कि सत्ता के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं। चुनाव की आचार संहिता का उल्लंघन तो मामूली बात है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अब जनता के दुश्मन साबित हो चुके हैं वरना जनता की पसंद का आदर सम्मान करते ।

पटैल ने कहा कि सत्ता के लालची बंदर की तरह वे सरकार गिराने और देश का सबसे बड़े प्रजातंत्र का हत्याकांड नहीं करते।

कमलेश्वर पटेल ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान में इतना भी शिष्टाचार नहीं बचा कि वह यह स्वीकार करे कि सड़कें उन्होने नहीं बनाई सिर्फ लोकार्पण कर पूरी बेशर्मी से उनका श्रेय लेना चाहते हैं। उन्होने कहा कि अब पूरी शिवराज सिंह सरकार आम लोगों से झूठ बोले और साथ ही मीडिया को भी झूठ बोलकर धोखे में रखे और झूठ की ही रिपोर्टिंग करवाये यह तभी संभव है जब उन्हें आत्मग्लानि हो। उन्होने कहा कि अपने गलत कामों के लिये आत्मग्लानि उसी को होती है जिसका थोड़ा बहुत जमीर बचा रहता है।

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