फ्रांस में आतंकी ने काटा टीचर का सिर, लगाए ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे

पेरिस
फ्रांस में शुक्रवार को टीचर का सिर काटने वाला आतंकी एनकाउंटर में मारा गया है। दावा किया जा रहा है कि 18 साल के इस आतंकी ने इतिहास के एक शिक्षक पर हमला करने से पहले अल्लाहू-अकबर का नारा लगाया था। टीचर पर आरोप था कि उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाते समय अपने छात्रों को मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाया था। फ्रांस में इस निर्मम हत्या के बाद राजनीति भी गरमा गई है। आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रो खुद मृत शिक्षक के घर जाने वाले हैं।

राष्ट्रपति मेक्रो बोले- यह इतिहास की हत्या
शिक्षक की गला काटकर हत्या करने के बाद फ्रांस में फिर से एक बार धार्मिक आजादी को लेकर बहस छिड़ गई है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने इसे इतिहास की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकी ने देश के गणतंत्र के खिलाफ हमला किया है। उन्होंने कसम खाई कि ये लोग फ्रांस को विभाजित नहीं कर पाएंगे।

चार लोग गिरफ्तार
पुलिस ने इस घटना के संबंध में एक नाबालिग सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी गिरफ्तार आरोपी हमलावर से संबंधित थे। पुलिस इन लोगों से पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि टीचर का सिर काटने वाली घटना से इन लोगों का भी सीधा कनेक्शन है। हत्या करने के बाद आरोपी को भागने में भी इन लोगों ने मदद की थी।

एनकाउंटर का वीडियो वायरल
आतंकी के एनकाउंटर का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसे एक स्थानीय नागरिक ने अपने घर के आहते से फिल्माया है। इसमें पुलिस की कई गाड़िया दिखाई दे रही हैं। लेकिन, बागीचे का बाड़ होने के कारण साफ तौर पर आतंकी और पुलिसकर्मियों को नहीं देखा जा सकता है। इस वीडियो में पुलिस तेजी से आतंकी का पीछा करते हुए और उसे हथियार फेंकने को कहती सुनाई देती है। जब आतंकी ने पुलिकर्मियों पर अपनी बंदूक तान दी तो पुलिस ने उसे गोली मार दिया।

चेचेन्या का रहने वाला था आतंकी
बताया जा रहा है कि आतंकी रूस के चेचेन्या का रहने वाला था। जिसके बाद से रूसी खुफिया एजेंसी और पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही हैं। चेचेन्या रूस के कब्जे वाला अशांत इलाका है। जहां इस्लामी आतंकी आए दिन रूसी फौज के साथ छापामार युद्ध लड़ते रहते हैं। इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए भारी संख्या में रूसी जवान हमेशा तैनात रहते हैं।

शार्ली एब्दो हमले की याद
यह घटना ऐसे वक्त में हुई है जब पेरिस में 2015 में हुए शार्ली एब्दो हमले की सुनवाई चल रही है। वह आतंकी हमला भी पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापने से नाराज होकर किया गया था। यही नहीं, इस साल उस केस की सुनवाई शुरू होने के बाद मैगजीन ने फिर से कार्टून छापे थे जिस पर अल-कायदा ने धमकी दी थी कि 2015 का हमला आखिरी नहीं था।

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