जाति विवाद के कारण अमित व ऋचा जोगी का नामांकन रद्द

मरवाही
छत्तीसगढ़ की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ है जब जोगी परिवार किसी चुनाव से बाहर हो गया हो। जोगी परिवार द्वारा अमित जोगी व पत्नी ऋचा जोगी द्वारा मरवाही उपचुनाव के लिए आखिरी दिन कल नामांकन दाखिल किया गया। आज नामांकन पत्रों की जांच के दौरान अमित जोगी व पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि राज्य स्तरीय उच्च जांच कमेटी ने अमित का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया था। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से अब पुष्पेश्वरी तंवर और मूलचंद सिंह में से किसी एक को मरवाही उपचुनाव के लिए मैदान में उतरेगी।

जिला निर्वाचन कार्यालय में शनिवार को नामांकन पत्रों की जांच पूरी हो गई है। हाईपावर कमेटी ने निर्वाचन कार्यालय को अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने का पत्र भेजा और उन्हें कंवर जाति का नहीं माना। यह आदेश एक दिन पहले 16 अक्टूबर को ही जारी किया गया। कमेटी इससे पहले अमित जोगी के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का भी जाति प्रमाण पत्र रद्द कर चुकी है। इस पर एक घंटे चली बहस के बाद निर्वाचन अधिकारी ने अमित जोगी के नामांकन को खारिज कर दिया। इसके बाद ऋचा जोगी के नामांकन को लेकर भी विवाद होता रहा। आखिरकार निर्वाचन अधिकारी ने ऋचा जोगी के नामांकन को भी कानूनन सही नहीं माना और उसे भी खारिज करने के आदेश जारी कर दिए। छत्तीसगढ़ गठन के 20 बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब पूरा जोगी परिवार मरवाही चुनाव से बाहर हो गया हो। इससे पहले अमित जोगी ने इस संबंध में अपना पक्ष रखने के लिए दो दिन का समय मांगा जिसे निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार नहीं किया।

मरवाही उपचुनाव में अमित जोगी के नामांकन में आपत्ति कांग्रेस के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की ओर से उर्मिला मार्को और निर्दलीय प्रताप सिंह भानू ने भी की थी। तीनों के पास राज्य स्तरीय जांच कमेटी के उस आदेश की कॉपी थी, जिसमें अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया गया था। कांग्रेस प्रत्याशी केके ध्रुव ने निर्वाचन अधिकारी को दिए गए पत्र में यह भी कहा कि कमेटी के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन इस पर कोई स्थगन नहीं दिया गया। इसके साथ ही एफआईआर दर्ज कर जांच पर भी रोक नहीं लगाई गई है। जब पिता को ही गैर आदिवासी वर्ग का माना गया है तो अमित जोगी आदिवासी नहीं हो सकते। इस आदेश की कॉपी अमित जोगी के पास नही थी।

जोगी परिवार को पहले से आशंका थी कि उनके प्रमाणपत्र का विवाद मरवाही उपचुनाव में खलल डाल सकता है। इसे देखते हुए पुष्पेश्वरी तंवर और मूलचंद सिंह का भी नामांकन कराया गया। अब अमित और ऋचा का पर्चा निरस्त होने के बाद पार्टी तंवर और मूलचंद्र में किसी एक को चुनाव लड?े की हरी झंडी देगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य स्तरीय उच्च जांच कमेटी ने कहा कि 20 से 23 सितंबर को डाक के जरिए अमित जोगी को नोटिस भेजा गया था। यह भी तर्क दिया कि अजीत जोगी को कंवर नहीं माना था। अभी बेटे की जाति पिता की जाति से निर्धारित होती है। ऐसे में अमित जोगी को कंवर नहीं माना जा सकता है। अजीत जोगी के भी जाति प्रमाणपत्र को समिति ने निरस्त कर दिया था। मामला कोर्ट में लंबित था, उसी समय अजीत जोगी का निधन हो गया।

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