बांधवगढ़: लगातार हो रही बाघों की मौत, नहीं चेता फॉरेस्ट

बांधवगढ़
बांधवगढ़ से लगातार एक के बाद एक बाघ और बाघ शावकों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। ग्रामीणों और जिप्सी यूनियन के अलर्ट के बावजूद इस पूरे मामले में फॉरेस्ट विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है। इसका खामियाजा बाघों को अपनी जान गंवाकर उठाना पड़ रहा है। ऐसे में इसका सीधा असर बाघों की संख्या पर पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश अपना टाइगर स्टेट का दर्जा भी खो सकता है।  

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ही ताला जोन में दो नवजात मादा बाघ शावकों की मौत पिछले हफ्ते हो गई थी दोनों शावक एक सप्ताह के थे और उनकी अभी आंख भी नहीं खुली थीं। दोनों ही शावकों के शरीर पर चोट के घातक निशान मिले थे। इसके बाद शवों का परीक्षण करने के बाद ताला में ही शवों को जला दिया गया।

14 अक्टूबर को बैठक हुई थी इसमें बांधवगढ़ फील्ड डायरेक्टर विसेंट रहीम को महामन गांव को लेकर ग्रीमाणों ने अलर्ट किया था कि उस दिशा में टाइगर का मूवमेंट था। ग्रामीणों ने बताया था कि बाघों को वहां से दूसरे स्थान पर मूव करवाया जाए नहीं तो कोई बड़ी घटना हो सकती है उसके बाद विभाग नहीं चेता और बाघों का शव मिला। अभी बताया जा रहा है कि बाघिन का एक बच्चा गायब है।

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