टीचिंग एड तैयार करने में पीछे शिक्षकों से राज्य शिक्षा आयुक्त लोकेश जाटव ने जताई नाराजगी

भोपाल
शहडोल, कटनी और रतलाम जिलों में दस फीसदी से भी कम बच्चे आॅनलाईन पढ़ाई कर पा रहे है। इसको लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र के आयुक्त लोकेश जाटव ने नाराजगी जताई है और बच्चों का प्रतिशत बढ़ाने के हर संभव उपाय करने को कहा है। स्कूल शिक्षा विभाग स्कूली बच्चों की आॅनलाईन पढ़ाई करवा रहा है। लेकिन कई स्थानों पर काफी कम बच्चे इस आॅनलाईन पढ़ाई में शामिल हो पा रहे है।  

इसकी वाट्सएप के जरिए समीक्षा भी की जा रही है। शहडोल, रतलाम और कटनी जिलों में बच्चों की सहभागिता दस प्रतिशत से भी कम क्यों है। इसको लेकर शिक्षकों ने बताया कि बच्चो और परिजनों के पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं होंने के कारण यह उपस्थिति कम है।  वहीं डिंडौरी में प्रतिकूल परिस्थिति के बाद भी अस्सी फीसदी बच्चे इसमें सहभागिता कर पा रहे है। डिंडौरी के डीपीसी ने बताया कि जिन बच्चों के पास मोबाइल सुविधा नहीं है वहां शिक्षक अपने मोबाइल से और बच्चे के पड़ौस के लोगों के मोबाइल का उपयोग कर बच्चों की सहभागिता करवा रहे है।

प्रदेश में 19 जिलों में बच्चों के लिए टीचिंग एड तैयार करने में भी सरकारी स्कूलों के शिक्षक पीछे है। भिंड में सर्वाधिक 721 काम अधूरे है। इसके अलावा टीकमगढ़, गुना, अलीराजपुर, रतलाम, रायसेन, विदिशा, सतना, श्योपुर,शिवपुरी, रीवा, शाजापुर, मंडला, राजगढ़, देवास,दतिया, सागर, सीधी और बालाघाट जिले में टीचिंग एड तैयार करने के काम ज्यादा संख्या में लंबित पड़े है। 25 जिलों में भी 99 से लेकर 21 काम लंबित पड़े है। संतोषप्रद काम करने वाले पन्ना, खंडवा, जबलपुर, मुरैना, इंदौर,छिंदवाड़ा और अशोकनगर की सराहना की गई और बाकी जिलों को अपूर्ण कार्य शीघ्र पूरे करने के निर्देश दिए गए। काम अधूरे रहने पर डीपीसी और सहायक संत्री उत्तरदायी होंगे और उनपर कार्यवाही की जाएगी।

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