बिहार की राजनीति में अगले 100 घंटे अहम, इन 5 मसलों पर रहेगी नजर

पटना/नई दिल्ली
बिहार में नीतीशे सरकार का जनादेश तो आ गया लेकिन सरकार के आकार पर मची रार से सियासी सस्पेंस अभी दूर नहीं हुआ है। अगले चार दिनों के अंदर इन पांच सवालों के जवाब राज्य की राजनीति को तय करेंगे। आइए समझते हैं-

नीतीश सीएम किन शर्तों पर
अगले 100 घंटे के अंदर यह तय हो जाएगा कि अगर नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ लेते हें तो वह इसके लिए पहले की तरह सहज रहेंगे या असहज। मतलब वह किन शर्तों पर इस पद को संभालेंगे। बीजेपी से इस पद के लिए अपनी पार्टी से नाम चुनने का ऑफर देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए की मीटिंग में तय होगा नेता का नाम और तब उसका औपचारिक ऐलान होगा। उन्होंने कहा कि एनडीए के निर्णय के अनुसार काम होगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को एनडीए घटक दलों की मीटिंग में कुछ तय हो सकता है। उन्होंने संकेत दे दिया कि वह अगर इसे स्वीकार करेंगे तो अपनी शर्तों पर।

मांझी और सहनी की मांग पर क्या होगा
नजदीकी संख्याबल से बने सरकार में दो सहयोगी दल- मुकेश सहनी की वीआईपी और जीतन मांझी की हम पार्टी दोनों की मांगें बढ़ गई हैं। अब दोनों कैबिनेट में अपने लिए डिप्टी सीएम पद की मांग कर रहे हैं। मुकेश सहनी बीजेपी कोटे से तो जीतन मांझी जेडीयू कोटे से चुनाव में उतरे थे। अब दोनों की मांगों को एनडीए कितना मानती है और इसपर इनकी प्रतिक्रिया क्या होती है उससे भी आगे की सियासी राह तय होगी। 243 सदस्यों की विधानसभा में एनडीए के 125 विधायक हैं। इनमें 8 इन दोनों दलों के हैं। बहुमत की संख्या 122 है। अगले 100 घंटे में दोनों की मांग पर क्या होगा, इसका भी पता चल जाएगा।

बीजेपी से डिप्टी सीएम कौन बनेगा?
2005 से अगर नीतीश कुमार एनडीए के लगातार सीएम के चेहरे हैं तो सुशील मोदी बीजेपी की ओर से लगातार डिप्टी सीएम बन रहे हैं। बीजेपी ने हमेशा से कहा था कि नीतीश कुमार ही एनडीए के सीएम चेहरे होंगे। लेकिन सुशील कुमार मोदी के बारे में ऐसा कभी नहीं कहा गया। सूत्रों के अनुसार बीजेपी इस बार किसी नये चेहरे को डिप्टी सीएम बना सकती है। ऐसी भी चर्चा है कि इस बार एक की जगह दो डिप्टी सीएम बन सकते हैं। बीजेपी के डिप्टी सीएम की पसंद से भी आगे की राह तय हो सकती है। अगले 100 घंटे में इस पसंद से परदा हट जाएगा।

चिराग पर नीतीश वीटो का असर
चिराग पासवान पर नीतीश कुमार बेहद खफा हैं। गुरुवार को उन्होंने साफ संकेत दिया कि चिराग ने उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाया है और वह उन्हें जल्दी माफ करने वाले नहीं हैं। एलजेपी के कारण जेडीयू को हुए नुकसान के सवाल पर नीतीश कुमार गुरुवार को इतना तक कह दिया कि कहां क्या हुआ, अब बीजेपी को पता लगाना है। अधिक सीट हारने के सवाल पर वह बोले कि एक-एक सीट का विश्लेषण हो रहा है। नीतीश कुमार ने माना कि कन्फ्यूजन फैलाने में कुछ लोगों को सफलता मिली। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार का बीजेपी पर दबाव है कि अब चिराग को केंद्र से भी बाहर किया जाए। अगले 100 घंटे में नीतीश के दबाव का क्या असर हुआ, यह पता चल जाएगा।

क्या और भी हैं राहें?
वहीं अगले 100 घंटे के अंदर यह भी पता चल जाएगा कि क्या बिहार में अभी कहीं कोई और सियासी प्रयोग तो नहीं होने वाला है। विपक्षी गठबंधन की भी नजर एनडीए के अंदर हो रही गतिविधियों पर है। हालांकि दोनों खेमा एक-दूसरे से संपर्क में रहने की बात को सिरे से खारिज कर रहा है लेकिन उनके नेता यह बताना भी नहीं भूलते कि राजनीति संभावनाओं का खेल है।

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