महापर्व छठ : सीएम नीतीश कुमार ने दी शुभकामनाएं, नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू

पटना                                                                                                                                                                          
लोक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत बुधवार को नहाय-खाय के साथ हो गई है। निर्जला अनुष्ठान के पहले दिन बुधवार (18 नवंबर) को व्रती घर, नदी, तालाबों आदि में स्नान कर अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण करेंगे। फिर 19 नवंबर को खरना करेंगे, 20 नवंबर को व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे और 21 नवंबर को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महाव्रत संपन्न करेंगे। लोक आस्था के इस महापर्व के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश एवं देशवासियों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

सीएम नीतीश ने कहा है कि लोक आस्था का यह महापर्व आत्मानुशासन का पर्व है, जिसमें लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्ताचल और उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। मुख्यमंत्री ने लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति और सौहार्द के लिए प्रार्थना की है तथा राज्यवासियों से अपील की है कि वे इस महापर्व को मिल-जुलकर आपसी प्रेम, पारस्परिक सद्भाव और शांति के साथ मनाएं।

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितान्त आवश्यक है। अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरतें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव का सबसे अच्छा उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें।

वृश्चिक राशि में हैं सूर्य
इस बार होना वाला छठ व्रतियों, श्रद्धालुओं और आम लोगों के लिए कल्याण कारक है। पंडित प्रेम सागर पांडेय कहते हैं कि 16 नवंबर को शाम 6.32 बजे से सूर्य का राशि परिवर्तन हुआ है। अब सूर्य वृश्चिक राशि में आ चुके हैं। सूर्य अपने मित्र के घर में होने से अच्छा संदेश दे रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पीके युग कहते हैं कि यह व्रत आरोग्य, संतान, यश, कीर्ति के लिए कार्तिक शुक्ल षष्ठी व सप्तमी को किया जाता है। 20 नवंबर को सुबह सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा होने एवं शुक्र, गुरु, शनि व स्वगृही होने से बहुत सुंदर संयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य से बनने वाला वरिष्ठ योग का भी निर्माण हो रहा है। 20 नवंबर को सूर्य के तीसरे स्थान पर चन्द्रमा है। इस दिन आम लोगों को आदित्य हृदय स्रोत और गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। पूर्वाभिमुख उपासना से उन्नति व पश्चिमाभिमुख उपासना से दुर्भाग्य का अंत होता है।

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