अब गुजरात में RT-PCR टेस्ट मात्र 800 रुपये में
अहमदाबाद
दिल्ली में आरटी-पीसीआर जांच की कीमत कम किए जाने के एक दिन बाद गुजरात सरकार ने भी ऐसा ही फैसला लिया है. विजय रूपाणी सरकार ने प्राइवेट लैब्स में कोविड-19 संबंधी आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच की कीमत मंगलवार को 1,500 रुपये से घटाकर 800 रुपये कर दी. उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि जांच किट की कीमत कम हो गई है, इसलिए राज्य सरकार ने लोगों को यह लाभ उपलब्ध कराने का निर्णय किया है.
पटेल ने कहा, ‘‘राज्य सरकार से अधिकृत प्राइवेट लैब्स आज से आरटी-पीसीआर जांच के लिए 800 रुपये वसूल करेंगी, जोकि मौजूदा कीमत से 700 रुपये कम है.’’ उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद जांच किट की कीमत में कमी आई है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि नमूना लेने के लिए प्रयोगशाला सहायक को घर पर बुलाया जाता है तो आरटी-पीसीआर जांच के लिए 1,100 रुपये लिए जाएंगे. वर्तमान में घर से नमूना लेने के लिए प्रयोगशालाएं 2,000 रुपये वसूल करती हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निर्देशन में सरकार के कोर ग्रुप ने जांच की कीमत कम करने का फैसला किया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत घटाने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत अब 2400 रुपये के बजाय 800 रुपये कर दी गई है.
दिल्ली और गुजराात के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु में भी राज्य सरकारों ने आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत तय कर दी है. दरअसल मई महीने में आईसीएमआर ने कहा था कि अब संस्था की ओर से आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत नहीं रेगुलेट की जाएंगे और इसे राज्यों के स्तर पर रेगुलेट किया जाना चाहिए.
इसके बाद से राज्य सरकारों ने आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमतें अपने-अपने स्तर तय कर दीं.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत को लेकर एक याचिका डाली गई है और आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत 400 रुपये के आसपास तय करने की बात कही गई है.
याचिका में दावा किया गया है कि अलग-अलग राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए अलग-अलग दाम वसूले जा रहे हैं. जबकि आरटी-पीसीआर की वास्तविक लागत 200 रुपये है. साथ ही ये भी दावा किया गया कि अलग-अलग राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट का दाम 900 से 2800 रुपये के बीच लिया जा रहा है.
बता दें कि सितंबर महीने में दिल्ली में कोरोना वायरस टेस्ट की जांच बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना जांच कराने के लिए अब डॉक्टरों की सिफारिश की जरूरत नहीं होगी और लोगों को सिर्फ आधार कार्ड दिखाना होगा.
वहीं, सरकारी अस्पतालों में तो कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट निशुल्क किया जा रहा है.