लॉकडाउन के बाद राजधानी में छेड़छाड़ के मामलों में 50 फीसदी वृद्धि दर्ज

भोपाल
सितंबर के बाद भोपाल में महिलाओं के प्रति अपराध के मामले काफी बढ़े हैं, जिसमें रेप और छेड़खानी के मामले शामिल हैं। वहीं, इस वर्ष की शुरुआत और लॉकडाउन के दौरान ऐसे मामलों में आधी गिरावट आ गई थी। जून और जुलाई के पहले तीन महीनों के मामलों की तुलना में सितंबर और अक्टूबर के दौरान पुलिस में दर्ज छेड़छाड़ के मामलों में 50 फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है, जिसमें अनलॉक के जून, जुलाई और अगस्त शामिल है।

अगस्त की तुलना में सिंतबर और अक्टूबर में रेप के दोगुने केस दर्ज हुए हैं। चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मामलों में अभियुक्त परिचित और पड़ोसी हैं।जिन्होंने आवाजाही के दौरान महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की है। नाबालिगों लड़कियों से छेड़छाड़ के मामलों में करीबी ही शामिल हैं।

इस मुद्दे पर बात करते हुए चाइल्डलाइन की निदेशक अर्चना सहाय ने कहा कि एनसीआरबी के अपराध के आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि बाल यौन शोषण के मामलों में दुर्व्यव्हार करने वाले लोग अक्सर अपने ही होते हैं। पड़ोसी परिचित होने का सबसे ज्यादा लाभ उठाते हैं और बच्चों के साथ गलत करते हैं।

वहीं, सीएसपी भूपिंदर सिंह ने कहा कि नाबालिगों से शोषण के 95 फीसदी मामलों में आरोपी या तो परिवार के करीबी सदस्य, पड़ोसी या परिचित लोग होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए माता-पिता को सतर्क रहने की जरूरत है। अपने बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में समझाएं।

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