RSS की क्षेत्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक आज से 

पटना 
आरएसएस की क्षेत्रीय कार्यकारी मंडल (दिवाली बैठक) की दो दिनी बैठक शनिवार से पटना सिटी में होगी। यह बैठक पहले राष्ट्रीय स्तर पर होती थी। इस बार यह बैठक प्रयागराज में होनी थी, पर कोरोना काल में भीड़ अधिक न हो, इसे देखते हुए राष्ट्रीयस्तर पर बैठक के बजाए देश के 11 क्षेत्रीय केंद्रों में यह बैठक करने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में संघ ने पटना में भी कार्यकारी मंडल की बैठक करने का निर्णय लिया। 

पटना में होने वाली बैठक में उत्तर व दक्षिण बिहार प्रांत के साथ ही झारखंड के संघ पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक की बाबत दक्षिण बिहार के प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश पांडेय ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब संघ ने अपने कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए देश के 11 क्षेत्रों में बांटा है। उत्तर-पूर्व क्षेत्र की बैठक पटना में हो रही है।   

बैठक में यह है एजेंडा
– वर्तमान में चल रहे संघ के सभी कार्यों की समीक्षा
– आगामी वर्ष की कार्ययोजना की रूपरेखा तय होगी 
– संघ के स्वयंसेवकों की ओर से किए गए कार्यों की समीक्षा 
– कोरोना काल में प्रभावित जनजीवन व शिक्षा पर चर्चा 
– स्वावलंबन, स्वदेशी, संगठन विस्तार आदि पर भी चर्चा

किसान कानून पर अपनी राय बताएं संघ प्रमुख : RJD
राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने कहा है कि किसान आंदोलन आज मोदी सरकार के समक्ष गंभीर चुनौती बना हुआ है। संयोग है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बिहार में हैं, लेकिन इस संदर्भ में अभी तक उनकी राय देश के सामने नहीं आई है। उनकी राय देश जानना चाहता है।शिवानंद ने कहा कि संघ प्रमुख की राय जानने की उत्सुकता इसलिए भी है कि एक ओर भाजपा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नेता आरोप लगा रहे हैं कि इस आंदोलन को खालिस्तान समर्थक या टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग चला रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी आरोप लगाया है कि किसानों के हित में बनाए गए इन ऐतिहासिक कानूनों के खिलाफ विरोधी दल के लोगों ने अफवाह फैलाकर उनके अंदर भ्रम फैलाया है। दूसरी ओर, देश का कोई भी किसान संगठन इस आंदोलन का विरोध नहीं कर रहा है। 

राजद नेता ने दावा किया कि यहां तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े भारतीय किसान संघ ने भी इन नए कानूनों का समर्थन नहीं, विरोध किया है। स्वदेशी जागरण मंच जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ही अनुषांगिक संगठन है, वह भी इन कानूनों में बदलाव की जरूरत महसूस कर रहा है। ऐसे में संघ प्रमुख होने के नाते इस समय मोहन भागवत की राय जानने की उत्सुकता देश भर के लोगों को है।

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