प्रशासन की नहीं खुली नींद तो नदी को चीरकर लोग खुद बना रहे रास्ता

लखीसराय                                                                                                                                         
बच्चों को खतरे में देखा तो बड़े सजग हुए और हर साल की तरह इस साल भी लोग सजग हुए और बिहार के लखीसराय में किऊल नदी पर पैदल पुल का निर्माण शुरू किया। आमलोगों को नदी पार करने में हो रही कठिनाइयों को देखते हुए प्रशासन की आस न देख गांव वालों ने ही बीड़ा उठाया और अस्थाई पुल के निर्माण में लग गए। 

गुरुवार को आपके अखबार हिन्दुस्तान में प्रकाशित 'खतरनाक सफर' फोटो कॉलम को देख सामाजिक क्षेत्र में जुड़े लोग सजग हुए और गुरुवार से ही निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। बता दें कि लखीसराय शहर से सीधे किऊल या फिर चानन की ओर जाने के लिए शार्टकर्ट रास्ते के तौर पर लखीसराय-किऊल रेलवे पुल के समानांतर पिछली बार गांव वालों ने अस्थाई पुल का निर्माण कराया था। कुछ माह पहले किऊल नदी में जलस्तर के बढ़ने से पुल ध्वस्त हो गया। इस वजह से लोगों को मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। लोग रेल पुल होकर या फिर लंबी दूरी तय कर विद्यापीठ, गढ़ी होते हुए किऊल पहुंच रहे थे।                                                                                                                                                                                                                                                                       

खगौर पंचायत की मुखिया नाजिया खातून ने बताया कि पुल के नहीं रहने से काफी परेशानी हो रही थी। खास कर छोटे-छोटे बच्चों को बच्चे रेल पुल से होकर लखीसराय या किऊल आते जाते हैं। जिला प्रशासन से कई बार मांग की गई, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। मजबूरन हमलोगों को खुद अस्थाई पुल बनाना पड़ रहा है। इस पुल के निर्माण से 20 गांवों को लाभ मिलेगा।

Back to top button