नियमावली में हुआ बदलाव तो UP में बार लाइसेंस हासिल करना हुआ आसान

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में बार लाइसेंस की नई नियमावली के बाद अब लाइसेंस हासिल करना और भी आसान हो जाएगा। पहले जिस लाइसेंस के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति का अनुमोदन अनिवार्य होता था उसे अब जिला स्तर की कमेटी के हवाले कर दिया गया है। अगर इस कमेटी से लाइसेंस का इच्छुक व्यक्ति असंतुष्ट है तो वह मंडलायुक्त के यहां अपील कर सकता है।

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रक्रिया के दौरान ट्रांजेक्शन की संख्या को 28 से घटा कर 8 कर दिया गया है। इससे ‘मेहमानदारी’ उद्योग को लाइसेंस मिलने में आसानी होगी और राजकोष भी बढ़ेगा।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक बार व क्लब को दिया जाने वाला लाइसेंस जियो टैग्ड होगा। पारदर्शिता तथा ईज ऑफ  डुइंग बिजनेस को सुनिश्चित करने के लिये ऑनलाइन लाइसेंस का प्रावधान किया गया है। वहीं लाइसेंस जिस तिमाही में जारी किया जाएगा उससे पहले की तिमाही की फीस नहीं ली जाएगी। पहले पूरे साल की फीस जमा कराई जाती थी।

लाइसेंस के लिए 200 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल और 40 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था जरूरी है। पहले जहां लाइसेंस के लिए परिसर में ही समुचित पार्किंग होना अनिवार्य था, वहीं अब परिसर के 500 मीटर के क्षेत्र में निजी पार्किंग, वैले पार्किंग की व्यवस्था को पर्याप्त माना जायेगा।

वहीं किसी विशेष आयोजन के लिए समारोह बार लाइसेंस सुबह 8 बजे से रात 12 बजे के मध्य निरंतर छह घंटों की अवधि के लिए ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। इस दौरान पीने की प्रतियोगिता आयोजित करने पर पहली बार 25 हजार रुपये और दूसरी बार 50 हजार रुपये जुर्माना और तीसरी बार किया तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।

Back to top button