जमीन के दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अब एन.जी.डी.आर.एस. प्रणाली से
रायपुर
छत्तीसगढ़ में पंजीयन विभाग द्वारा जमीन के दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन का कार्य एनआईसी पुणे द्वारा विकसित एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को लागू किया जा रहा है। एनआईसी पुणे द्वारा इस सॉफ्टवेयर को छत्तीसगढ़ राज्य के लिए भी कस्टमाईज किए जाने के बाद शासन से प्राप्त अनुमति के उपरांत, पायलट रन के रूप में उप पंजीयक कार्यालय धमतरी में आज से यह सुविधा प्रारंभ हो गई है।
एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को देश के 10 राज्यों द्वारा अपनाया जा चुका है और छत्तीसगढ़ इसे अपनाने वाला ग्यारहवां राज्य है। इस सॉफ्टवेयर में अन्य राज्यों में प्रचलित उत्कृष्ठ प्रावधानों का समावेश किया गया है। संपत्ति के हक और स्वामित्व की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुईंया सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेशन किया गया है, आने वाले समय में आधार एवं पैन से जोड़ा जाकर पक्षकारों की शिनाख्ती एवं वेरिफिकेशन आॅनलाइन किया जा सकेगा जिससे जालसाजी की संभावना नगण्य हो जाएगी। इस नवीन व्यवस्था के लागू होने पर दस्तावेजों के पंजीयन व्यवस्था और आसान हो जाएगा। इस व्यवस्था के तहत पंजीयन का कार्य और अधिक सरल और कम समय में किया जा सकेगा। पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय में कम समय रूकना पड़ेगा तथा दस्तावेज पंजीयन के दिन ही दिया जा सकेगा। इस नवीन व्यवस्था से पंजीकृत दस्तावेजों को आॅनलाइन उपलब्ध कराया जाकर उनके नकल भारमुक्त प्रमाणपत्र आसानी से हासिल किया जा सकेगा।
महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक छत्तीसगढ़ ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि पंजीयन विभाग के उप पंजीयक कार्यालयों में दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कार्य कम्प्यूटरीकृत ई-पंजीयन प्रणाली से किया जाता रहा है। वर्तमान में यह कार्य बीओटी पद्धति के तहत पांच वर्ष के लिए सेवा प्रदाता कम्पनी द्वारा संचालित है, पंजीयन विभाग द्वारा अब इसके स्थान पर एनआईसी पुणे द्वारा विकसित एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर को लागू किया जा रहा है। इस एनजीडीआरएस इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा एनआईसी पुणे के माध्यम से एक कॉमन सॉफ्वेयर विकसित किया गया है, इसे विभिन्न राज्यों में प्रचलित प्रावधानों के तहत कस्टमाईज किया गया है। इस प्रणाली में दस्तावेजों का पंजीयन आॅनलाइन सिस्टम से किया जाएगा, समस्त डाटा एन.आई.सी. के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रखा जाएगा।