रीबॉक का रेवेन्यू घटा ,खरीदार की तलाश

   नई दिल्ली
जर्मनी की स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर कंपनी एडिडास (Adidas) अपनी सहयोगी कंपनी रीबॉक (Reebok) को बेच सकती है। कंपनी ने भारत में अपने कर्मचारियों को इस बारे में बताया है। कंपनी की इस घोषणा से भारतीय कर्मचारियों में अनिश्चितता का माहौल है। कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में कंपनी के स्टोर बंद हुए हैं और रेवेन्यू का नुकसान हुआ है।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्पोर्ट्सवियर कंपनी एडिडास (Adidas) ने 2005 में करीब 3.8 अरब डॉलर में रीबॉक का अधिग्रहण किया था। सूत्रों का कहना है कि प्राइवेट इक्विटी फर्म्स रीबॉक को खरीदने में दिलचस्पी दिखा सकती हैं। एडिडास की एक ग्लोबल प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने रीबॉक के लिए स्ट्रैटजिक विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया है। इसमें कारोबार की संभावित बिक्री भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।

भारत में घटाए स्टोर्स
प्रवक्ता ने कहा कि एडिडास अपनी नई रणनीति के तहत रीबॉक पर मालिकाना हक जारी रख सकती है। इस बारे में 10 मार्च को हमारी नई रणनीति के लॉन्च पर जानकारी दी जाएगी। हमारा प्रयास रीबॉक के लिए ऐसा विकल्प खोजना है जो ब्रांड और कर्मचारी दोनों के लिए फायदेमंद हों। हम इस बारे में कर्मचारियों के सभी सवालों का जवाब देने के लिए उनके संपर्क में हैं। एडिडास ने भारत में एंग्लो-अमेरिकन फुटवियर एंड क्लोदिंग ब्रांड रीबॉक के स्टोर्स की संख्या में कमी की है।

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