गोडसे ज्ञानशाला पर सियासी बवाल, कमलनाथ ने शिवराज से मांगा जवाब

ग्वालियर
ग्वालियर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा से एक बार फिर सियासी बवाल हो गया है। गांधी के हत्यारे को आदर्श मानने वाली हिंदू महासभा ने गोडसे ज्ञानशाला की शुरुआत कर पूजा आरती की गई। हिंदू महासभा का कहना है कि इसके माध्यम से हम युवा पीढ़ी को देश की आजादी के लिए बलिदान देने वालों की गाथा बताएंगे।

दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा के कार्यालय में गोडसे के जन्मदिन पर नारेबाजी की गई। पार्टी नेता ने दावा किया कि गोडसे गांधी का ही नहीं जिन्ना का प्रतिकार करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यदि फिर किसी ने देश का विभाजन करने की कोशिश की, तो हिंदू महासभा फिर नाथूराम गोडसे पैदा करेगी। ग्वालियर के दौलतगंज में हिंदू महासभा के पार्टी कार्यालय में गोडसे ज्ञानशाला का शुभारंभ भी किया गया।

हिंदू महासभा के नेताओं ने नाथूराम गोडसे के चित्र पर तिलक किया और उसकी आरती उतारी। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने कहा कि हिंदू महासभा ने देश की आजादी के लिए हजारों देश भक्त कुर्बान हुए, लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से क्रांतिकारियों बलिदानियों का अपमान किया और देश का विभाजन किया, जिसके बाद हमारे लाखों हिंदू मारे गए ये देश नहीं भूल सकता।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना पर आपत्ति जताई और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही कमलनाथ ने भाजपा और शिवराज सिंह से स्पष्टीकरण भी मांगा कि भाजपा गांधी विचारधारा के साथ है या गोडसे विचारधारा के साथ? इस तरह के कार्यक्रम कैसे आयोजित हुए? कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार में ऐसे तत्वों पर कार्रवाई की जाती थी। लेकिन यह शर्मनाक है कि भाजपा सरकार में बापू के हत्यारे का महिमामंडन किया जा रहा है। उसे हीरों की तरह प्रचारित किया जा रहा है और जिम्मेदार मौन है?

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