सरकारी जमीन पर आवास, नजूल नियम बनेंगे सहायक, पा सकेंगे भूमि स्वामी का अधिकार

भोपाल
सरकारी जमीन पर आवास या प्लाट खरीदकर घर का सपना पूरा करने वालों के लिए लीज फ्री होल्ड अध्यादेश खत्म होने के बाद निराशा का माहौल था लेकिन सरकार ने अब नजूल निवर्तन नियम 2020 में इसके लिए प्रावधान कर दिए हैं। इन प्रावधानों के बाद विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड या हाउसिंग सोसायटी जिस भूमि के स्वामी होंगे, उसकी एनओसी वे दे सकेंगे और उस भूमि पर प्लाट या मकान खरीदने वाला भूमि स्वामी का अधिकार पा सकेगा।

राज्य सरकार द्वारा दस साल पहले सरकारी जमीन फ्रीहोल्ड कराने के लिए लाए गए अध्यादेश की वैधता समाप्त होने के बाद अब नजूल निवर्तन नियम 2020 सरकारी जमीन के भूमि स्वामी अधिकार दिलाने में सहायक होंगे। इसके लिए सरकार हाउसिंग बोर्ड और विकास प्राधिकरणों की जमीन पर काबिज लोगों से मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन का दो फीसदी वसूल कर उन्हें भूमि स्वामी के अधिकार देगी। इसके लिए राज्य सरकार ने कलेक्टरों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं और लोगों को भूमि स्वामी का अधिकार देने के लिए कहा है। नजूल निवर्तन नियम 2020 में किए गए प्रावधान के मुताबिक राज्य सरकार या सरकार के किसी प्राधिकृत अधिकारी ने अगर आवासीय उपयोग के लिए हाउसिंग बोर्ड, विकास प्राधिकरण, मध्य प्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ मर्यादित या मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी आवास निगम या हाउसिंग सोसायटी को जमीन दी है तो उस जमीन का भूमि स्वामी अधिकार दिया जा सकेगा। यह तभी लागू होगा जब संबंधित संस्था या विभाग को तीस साल या अधिक समय के लिए उप पट्टे के आधार पर पट्टाधिकार दिया गया है तो ऐस मामले में एनओसी के बाद यह अधिकार मिल सकेगा।

प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट लगभग सभी जिलों में हैं। इसके अलावा भोपाल विकास प्राधिकरण, जबलपुर विकास प्राधिकरण, ग्वालियर विकास प्राधिकरण, बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण, विन्ध्य विकास प्राधिकरण, इंदौर विकास प्राधिकरण समेत कई जिलों में विकास प्राधिकरण और अन्य संस्थाओं को दी गई जमीन के मामले भी शामिल हैं। इन सबके मामले में कलेक्टरों को कार्रवाई करने के आदेश के बाद भी कलेक्टर रुचि नहीं ले रहे हैं।

राजस्व अफसरों के मुताबिक कोई व्यक्ति जो इसकी पात्रता रखता है वह विभाग के प्रारूप 15 में आवेदन कर सकेगा और इसमें उसे कोई प्रक्रिया शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन के बाद सक्षम प्राधिकारी द्वारा कंडिका 142 के अधीन सार्वजनिक उद्घोषणा जारी कर दावे आपत्ति और सुझाव बुलाए जाएंगे। किसी तरह की कमी सामने नहीं आने पर परीक्षण के उपरांत भूमि स्वामी अधिकारी दिए जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। इसके लिए पट्टे की आगामी तिथि  तक वार्षिक भू भाटक और पट्टा के  दायरे में आने वाली भूमि के वर्तमान बाजार मूल्य के दो प्रतिशत के बराबर राशि संपरिवर्तन शुल्क के रूप में वसूली जा सकेगी।

 

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