कोरोना वैक्सीन: 580 लोगों पर साइड इफेक्ट

नई दिल्ली
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके साथ ये भी जानकारी दी है कि देश में अब तक कुल 580 लोगों को टीका लगने के बाद 'एडवर्स इफेक्ट' (साइड इफेक्ट AEFI) देखने को मिला है। भारत में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन अभियान के शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में अबतक 3 लाख 81 हजार 305 लोगों को कोरोना वायरस  का वैक्सीन लग चुका है। सोमवार (18 जनवरी) को 1,48,266 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। वहीं 7 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 

कोरोना वैक्सीन लगने के बाद मौतों के दो मामले रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि इन दोनों मौतों के पीछे कोविड-19 वैक्सीन कारण नहीं है। सरकार ने कहा है कि 580 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगने के साइड इफेक्ट हैं लेकिन कुल लोगों को लगे टीके का मात्र 0.2 फीसदी ही है। यानी कुल मिलाकर देखें तो 0.2 प्रतिशत लोगों को ही कोरोना वैक्सीन लगने के बाद परेशानी हुई है।फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन का साफ शब्दों में मतलब होता है टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाएं। 580 में से 7 लोग हॉस्पिटल में हैं। जिसमें से तीन लोग दिल्ली के अस्पतालल में हैं। दो लोगों को पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया है। दिल्ली के पटपड़गंज मैक्स अस्पताल में एक शख्स भर्ती है। 

वहीं AEFI का एक केस एम्स ऋषिकेश में भर्ती है। एक छत्तीसगढ़ में राजसमंद के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एडमिट है। वहीं कर्नाटक में अस्पताल में भर्ती होने के दो मामले सामने आए थे, जिसमें से एक की हालत फिलहाल ठीक है और दूसरे को चित्रदुर्ग के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कर रखा गया है। वैक्सीन लगने के मौत के दो मामले सामने आए थे। जिसमें एक शख्स उत्तर प्रदेश मुरादाबाद का था, जो जिला अस्पताल में वार्ड ब्वाय था। 17 जनवरी को उसकी मौत हो गई थी।

लेकिन पोस्टमार्टम में सामने आया है कि उसके फेफड़ों में पस के पॉकेट बन गए थे, जिससे उसका दिल बड़ा हो गया था और उसकी मौत हो गई।दूसरी मौत कर्नाटक के बेल्लारी में 43 साल के एक शख्स के हुई है। इन्हें 16 जनवरी को वैक्सीन लगी और 18 को मौत हो गई है। मौत की वजह इंफेक्शन को बताया जा रहा है। हालांकि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है।

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