यस बैंक का एनपीए कुल ऋण का 15.36 प्रतिशत ही रह

नई दिल्ली
आरबीआई का बैन निजी क्षेत्र के यस बैंक (Yes Bank) के लिए वरदान साबित हुआ है। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर, 2020 में समाप्त तीसरी तिमाही में बैंक ने 150.71 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में डूबा कर्ज (NPA) बढ़ने की वजह से बैंक को 18,654 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड घाटा हुआ था। करीब 10 महीने पहले यह बैंक घाटे में था। बैंक का घाटा इतना बढ़ गया था कि आरबीआई को उस पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था। बैंक के बोर्ड को भी भंग कर दिया गया था।

लेकिन दिसंबर तिमाही में बैंक ने शानदार प्रदर्शन किया है। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 6,518.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,268.50 करोड़ रुपये थी। तिमाही के दौरान बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर कुल ऋण का 15.36 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 18.87 प्रतिशत था।

एनपीए भी कम हुआ
इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी घटकर 4.04 प्रतिशत रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.97 प्रतिशत था। इसके चलते बैंक का कर और आकस्मिक खर्च को छोड़कर अन्य प्रावधान घटकर 2,198.84 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 24,765.73 करोड़ रुपये था। बैंक के निदेशक मंडल ने इक्विटी या ऋण के जरिये 10,000 करोड़ रुपये टाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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