नर्मदा घाटी परियोजनाओं का थर्ड पार्टी मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाए – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित सभी परियोजनाओं का थर्ड पार्टी मूल्यांकन आवश्यक रूप से कराया जाए ।वर्ष 2023 तक पूर्ण होने वाली सभी परियोजनाओं की डेट लाइन निर्धारित कर कार्य संचालन हो। साथ ही 2023 में जिन 17 परियोजनाओं को आरंभ किया जाना है उस संबंध में भी अभी से कार्य आरंभ करना सुनिश्चित करें। किसानों को स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन से सिंचाई के लिए शिक्षित और जागरूक करना आवश्यक है। इससे नर्मदा घाटी से प्रदेश को प्राप्त जल से अधिक क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकेगी।

मुख्यमंत्री चौहान नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक को मंत्रालय में संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव तथा उपाध्यक्ष नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण आई.सी.पी. केसरी, अपर मुख्य सचिव वित्त मनोज गोविल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बरगी व्यप्वर्तन परियोजना की स्लीमनाबाद चैनल के कार्य के दौरान सुरक्षा के व्यापक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएँ। कार्य के समय अस्थाई विस्थापन जनता को विश्वास में लेकर और निश्चित व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ही किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाएँ पूर्ण होने के साथ किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों से सिंचाई शुल्क लेने के लिए उनमें जागरूकता लाने और कर्त्तव्य बोध विकसित करने के उद्देश्य से किसान सम्मेलनों का आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को आवंटित जल से अधिक से अधिक क्षेत्र को सिंचित करने के उद्देश्य से स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष ग्रुप गठित किया जाए। उन्होंने मालवा और निमाड़ क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर अपनाने के लिए किसानों को विशेष रूप से प्रेरित करने को कहा।

जानकारी दी गई कि इस वित्त वर्ष में पूर्ण होने वाली परियोजनाओं में से खंडवा जिले की भुरलाय, कोदवार और पुनासा विस्तार परियोजनाएँ पूर्ण कर ली गई हैं। खंडवा की छेगाँवमाखन, अलीराजपुर जिले की अलीराजपुर और खरगोन की बिस्तान परियोजना दिसंबर अंत तक पूर्ण हो जाएगी। कुल 1835 करोड़ रुपये की लागत से बनी इन 6 परियोजनाओं से 98 हजार115 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी ।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 तक 11 परियोजनाएँ पूर्ण कर ली जाएंगी। इनमें खंडवा की किल्लौद और पामाखेड़ी इंदौर की सिमरोज अंबाचंदन, खरगोन की अंबा रोडिया, चौड़ी जमानिया तथा बलकवाड़ा, कटनी की ढीमरखेड़ा, सीहोर की छीपानेर, खंडवा की जावर, बड़वानी और खरगोन की नागलवाड़ी और जबलपुर की दुर्गावती परियोजना सम्मिलित हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 1 लाख 62 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

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