देश की प्रमुख सरकारी रक्षा कंपनी HAL के पास नहीं बचा खास काम, कर्मचारियों की बढ़ी चिंता

 बेंगलुरु 
सार्वजनिक क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी रक्षा कंपनी में से एक हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के पास अब कुछ खास काम नहीं हैं, क्योंकि कंपनी के पास ऑर्डर्स की कमी है। इस वजह से कंपनी के हजारों कर्मचारियों को महीनों तक बिना काम के बैठने का डर सताने लगा है। दशकों से हवाई सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की सैन्य ताकत की रीढ़ रही इस कंपनी के मनोबल पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। 
 

HAL के देशभर में 29,035 कर्मचारी हैं, जिनमें 9,000 इंजिनियर भी शामिल हैं। ये सभी कर्मचारी देश के 9 स्थानों- बेंगलुरु, नासिक (महाराष्ट्र), लखनऊ, कानपुर, कोरवा (यूपी), बैरकपुर (पश्चिम बंगाल), हैदराबाद और कासरगोड़ (केरल) पर काम कर रहे हैं। बेंगलुरु और नासिक में ही कंपनी के 10 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके अलावा तुमाकुरु में नया हेलिकॉप्टर कॉम्पलेक्स अभी निर्माणाधीन है। इस कॉम्पलेक्स के उद्घाटन के बाद कुछ कर्मचारियों को वहां भी ट्रांसफर किया जाएगा। 

काम की कमी 
आज की तारीख में कंपनी की बेंगलुरु स्थित एयरक्राफ्ट डिविजन के 3,000 कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं बचा है। जैगुआर और मिराज के अपग्रेडेशन का प्रोग्राम पूरा हो चुका है, लिहाजा इन कर्मचारियों को उम्मीद है कि उन्हें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस डिविजन में शिफ्ट किया जाएगा, जहां करीब 2,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं।

HAL के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया, 'हमें 108 विमानों (राफेल) की डील मिलने की उम्मीद थी। इसके लिए तैयारियां भी की जा चुकी थीं। लेकिन डील सिर्फ 36 विमानों के लिए हुई और वह भी पूरी तरह तैयार विमानों के लिए, इसलिए अब इसमें कोई उम्मीद नहीं बची।' 

HAL को 83 अतिरिक्त तेजस विमानों का ऑर्डर मिलना है और अगर यह नहीं मिला तो इसके कर्मचारियों को बिना काम के बैठना पड़ सकता है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने पहले ही रिपोर्ट दी थी कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने 83 तेजस लड़ाकू विमानों के लिए मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी इसे एयरफोर्स की तरफ से वास्तविक ऑर्डर में तब्दील किया जाना बाकी है। 

सुखोई के बाद फिलहाल कुछ नहीं 
HAL के नासिक स्थित सुखोई कॉम्पलेक्स में 5,000 लोग काम करते हैं। उन्हें जो ऑर्डर मिला है, वह अगले 17 महीनों में कंपलीट हो जाएगा। इसी तरह 222 Su-30 MK-1 एयरक्राफ्टों में से सिर्फ लास्ट बैच के 23 एयरक्राफ्टों की डिलिवरी बाकी है। 

एक सूत्र ने कहा, 'हम लगातार हर साल 12 विमानों की डिलिवरी करते हैं। इस तरह, इन 23 में 12 विमानों की डिलिवरी मार्च 2019 तक हो जाएगी। बाकी बचे 11 विमानों की डिलिवरी मार्च 2020 तक हो जाएगी। इसके बाद हमारे पास कोई काम नहीं बचेगा।' 

इसी तरह, यूपी के 3 और हैदराबाद और कासरगोड़ के एक-एक अन्य सेंटरों पर भी काम की कमी है। इस सेंटरों पर Su-30 के सबसिस्टम तैयार होते हैं। सूत्र ने बताया कि इन सेंटरों पर 50 प्रतिशत वर्कलोड खत्म होने वाला है। 

हेलिकॉप्टर ने HAL को रखा है जिंदा 
HAL का हेलिकॉप्टर डिविजन ही इकलौता डिविजन है, जिसके पास ठीक-ठाक काम है। फिलहाल यहां 73 अडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टरों (ALH) का काम चल रहा है और LCH (लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर) के कुछ ऑर्डर्स का इंतजार है। दरअसल, DAC ने 15 LCH के निर्माण की मंजूरी दे दी है, लेकिन वायु सेना से अभी फाइनल ऑर्डर नहीं मिला है। 

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