लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाये..लोगों ने छोड़ दिया मास्क

रायपुर। कोरोना का वैक्सीन जरूर आ गया है लेकिन वायरस की वापसी अभी नहीं हुई है लोग भूल क्यों रहे हैं। कुछ राज्यों में तेजी से संक्रमण का बढऩा इस बात का संकेत है। यदि अपने राज्य की बात करें तो नियंत्रण जरूर है लेकिन केस तो रोजाना नए मिल ही रहे है और मौत भी हो रही है। स्कूल -कालेज में कई जगह बच्चों व स्टाफ के संक्रमित होने की खबर मिल चुकी है। इसे भांपते हुए राज्य सरकार ने पुन:मास्क व नियमों का पालन के लिए सख्ती करने के निर्देश दिए हैं लेकिन लोग ही लापरवाह हो गए हैं। मास्क तो उन्होने उतार फेंका है,कोविड के नियमों का पालन ही नहीं कर रहे हैं। अब तो भंडारा,जलसा भी होने लगे हैं जहां लोगों की भीड़ जुट रही है। वाहनों पर तीन सवारी चल रहे हैं वह भी बगैर मास्क। बाजार के हालात देखकर तो लगता नहीं कभी कोरोना था? यहां तक कि वैक्सीन लगाने में भी लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं जो पहला डोज लगवा चुके हैं वह दूसरे डोज के लिए दिलचस्पी नहीं ले रहे। कहीं यह लापरवाही फिर भारी न पड़ जाए,ऐसे में क्या एक और लाकडाउन के लिए खुद हम तैयारी कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण एक बार फिर बढऩे की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो दिन पहले अफसरों की आपात बैठक बुलाई और निर्देश जारी किए कि राजधानी समेत प्रदेश में मास्क अनिवार्य करें,नहीं लगाने वालों पर 100 रुपए जुमार्ना वसूले। अमला सडक पर उतर भी चुका है लेकिन लोग ठेंगा दिखा रहे हैं। हां कुछ जगहों पर यह कार्वाई शुरू नहीं हो पायी है।

यहां बताना जरूरी होगा कि मौसमी बीमारी तो ठीक है चल रहा है,लेकिन कोरोना के लक्षण दिखने पर भी लोग टेस्ट कराने में लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे तमाम लोग राजधानी में अपना नियमित काम संचालित कर रहे हैं मतलब और भी लोगों को संपर्क में लाकर संभावित संक्रमण फैला रहे हैं। यदि कल फिर कोरोना की वापसी हुई तो फिर किसी को दोष न देना और संकट के लिए तैयार रहें।

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