राहुल ने किसी उद्योगपति का कर्ज माफ नहीं किया: जेटली

नई दिल्ली 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को मंदसौर रैली में भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाए. देर शाम में बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली ने फेसबुक के जरिए राहुल गांधी के एक-एक आरोप का जवाब दिया और उन्हें निराधार बताया. बता दें कि अरुण जेटली हाल ही में अस्पताल से वापस घर लौटे हैं.

अरुण जेटली ने बुधवार को राहुल गांधी पर मध्यप्रदेश में एक रैली में 'पूरी तरह गलत' टिप्पणी करने का आरोप लगाया और कहा कि किसी भी उद्योगपति के कर्ज का एक रुपया भी माफ नहीं किया गया है. अरुण जेटली ने कुछ इस तरह एक-एक आरोप का जवाब दिया.

1. राहुल का आरोप – मोदी सरकार ने 15 उद्योगपतियों के 2.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया.

जेटली का जवाब – कांग्रेस अध्यक्ष की यह बात तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत है. मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का एक रुपये का भी कर्ज माफ नहीं किया है. जिन लोगों के ऊपर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों का बकाया है, उन्हें दिवालिया घोषित किया गया और उन्हें आईबीसी के जरिए उनकी कंपनी से बेदखल किया गया है. इस कानून को मोदी सरकार ने लागू किया. इनमें ज्यादतर कर्ज यूपीए शासन के दौरान दिए गए.

2. राहुल का आरोप – अभी सब मेड इन चाइना, हम बनाएंगे मेड इन मंदसौर

जेटली का जवाब – जब यूपीए की सरकार थी तो देश में मोबाइल बनाने की सिर्फ 2 कंपनियां थीं, और आज 120 से ज्यादा कंपनियां हैं.

3. राहुल का आरोप – पीएम मोदी ने दो हीरा कारोबारियों को 35-35 हजार करोड़ रुपये दिए, जो अब देश छोड़कर चले गए.

जेटली का जवाब – यह तथ्यात्मक रूप से गलत है. बैंक धोखाधड़ी साल 2011 में शुरू हुई. उस समय यूपीए का शासन था. इस धोखाधड़ी का पता एनडीए सरकार के आने के बाद लगा.

'आखिर कितना जानते हैं राहुल, कब जानेंगे'

जेटली ने पार्टी की वेबसाइट पर 'वह कितना जानते हैं' शीर्षक वाले एक लेख में सवाल किया है कि क्या गांधी को अपर्याप्त जानकारी द जा रही है, या वह अपने तथ्यों के साथ बहुत उदार हैं.

जेटली ने कहा, "जब भी मैं राहुल गांधी के विचार सुनता हूं, चाहे वह संसद के अंदर हों या बाहर. मैं खुद से बार-बार यही पूछता हूं – वह कितना जानते हैं? वह कब जानेंगे? मध्य प्रदेश में दिए गए उनके भाषण को सुनकर आज एक बार फिर इस प्रश्न का जवाब जानने की जिज्ञासा हुई."

जेटली ने कहा, "सरकार ने किसी उद्योगपति का एक रुपया भी बकाया माफ नहीं किया है. जिन्होंने कर्ज नहीं लौटाया है, उन्हें दिवालिया घोषित किया जा रहा है और आईबीसी (दिवाला और दिवालियापन संहिता) के जरिए उन्हें उनकी कंपनियों से हटा दिया गया है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने लागू किया है."

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