यमुना के तट पर बसा बुलंदशहर, गंभीर जलसंकट की चपेट में गंगा

बुलन्दशहर
देश की दो प्रमुख नदियों गंगा और यमुना के तट पर स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला पानी की किल्लत से जूझ रहा है। हालात इस कदर भयावह है कि जिले के 600 से ज्यादा गांव डार्कजोन में तब्दील हो चुके हैं। भू-जलस्तर में तेजी से हो रही गिरावट के चलते जिले के करीब चार लाख 74 हजार किसानों की फसलों को पानी का संकट पैदा हो गया है।

जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आधी से ज्यादा नदियॉ सूख चुकी हैैं जिस कारण 500 लाख हेक्टेयर क्षेत्र रबी फसल का प्रभावित हो गया है। फसल उत्पादन लागत बढऩे से किसानों का करोड़ों रूपये का नुकसान हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना हैं कि हालात इसी प्रकार रहे तो पिछले सत्र की भांति इस बार भी गन्ने तथा धान का रकबा घट सकता है। जिस कारण चीनी और चावल के दामों में वृद्धि होने की संभावना लगाई जा रही है। पशुओं के चारे का संकट भी बढेगा। जून माह में पानी से लबालब रहने वाली नदियां और नहरों में इस बार सिंचाई विभाग 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की कमी बता रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार पिछले साल गंगा नदी रायवाला में 18 हजार 300 क्यूसेक पानी था जो अब घटकर सात हजार 512 क्यूसेक रह गया है। यमुना नदी ताजेवाला में छह हजार 388 क्यूसेक के मुकाबले दो हजार 643 क्यूसेक व नहरों में चार हजार क्यूसेक के मुकाबले 216 क्यूसेक, यमुना नदी ओखला में 1982 क्यूसेक के मुकाबले 635 क्यूसेक पानी है। 

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