कर्मचारियों से मिले कमलनाथ, बोले- BJP ने दिया सिर्फ अपमान, ‘साथ बैठकर बनाएंगे घोषणा पत्र

भोपाल
एक तरफ हर कर्मचारी वर्ग शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है, वही दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे का फायदा उठाकर चुनावी साल में सरकार को घेरने में लगी हुई है।चुनावी साल में ये बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। किसानों के बाद कांग्रेस ने अपना पूरा फोकस कर्मचारियों पर किया हुआ है। हर संभव प्रय़ास कर कांग्रेस किसान वोट के बाद कर्मचारी वोट भी हासिल करना चाहती है और एक एक करके उन वर्गों को चुन रही है जो सरकार की चुनावी साल में कमजोर बने हुए है।इसी कड़ी में आज प्रदेशाध्यक्ष  कमलनाथ ने सरकार से नाराज चल रहे कर्मचारी संगठनों से होटल पलाश में बैठक की गई, जिसमें कर्मचारी संघों के प्रदेश अध्यक्षों और प्रदेश महामंत्रियों शामिल हुए ।कांग्रेस के घोषण पत्र पर चर्चा की गई, जिसमें प्रदेश के कई कर्मचारी वर्गों ने सहमति जाहिर की है ।

बैठक के दौरान कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा है कि मेरे चुनौती किसी और से नही बल्कि समय से है ।भाजपा चाहती है कि कर्मचारी भीख मांगें।  प्रदेश के हर कर्मचारी संघ का किसी ना किसी तरह BJP सरकार में अपमान हुआ है। कांग्रेस ये सम्मान लौटाएगी और कर्मचारियों के साथ मिलकर घोषणा पत्र तैयार करेंगें। कर्मचारियों की मांगें केवल घोषणा पत्र में नहीं बल्कि कॉंग्रेस का वचन होगा, जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। जो साथ नहीं है, उसे भी अपने साथ जोड़ें। सिर्फ 6 महीने की बात है, आज व्यस्था में बदलाव की जरूरत है।

बैठक में ये हुए शामिल
आज बैठक में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के एलएन कैलासिया, निगम मंडल कर्मचारी संघ के चंद्रशेखर परसाई, अनिल बाजपेयी,  जितेन्द्र सिंह, इंजीनियर अशोक शर्मा, सुरेन्द्र सिंह सोलंकी, भुवनेश पटेल, एससी शर्मा, आरके द्विवेदी सहित कई कर्मचारी नेता शामिल थे। सभी ने अपनी-अपनी बात कमलनाथ, बाला बच्चन और पीसी शर्मा के सामने रखी। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा होता है क्या कांग्रेस किसानों की तरह कर्मचारियों को रिझाने में कामयाब हो जाएगी। 

चर्चा में ये मुद्दे रहे शामिल

  • संविदा कर्मचारियों- अध्यापकों का संविलियन। 
  • लिपिकों की वेतन विसंगति। 
  • बाकी कई कैडर के कर्मचारियों के ग्रेड पे में सुधार।
  • स्थाई कर्मियों, कार्यभारित कर्मचारियों की लंबित मांगों।
  • अग्रवाल वेतन आयोग की कर्मचारी हितैषी सिफारिशें लागू करने।
  • वाहन भत्ता, डीए का बकाया एरियर ।
  • पेंशनर्स को केंद्र के समान पेंशन और बाकी एरियर देने।

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