पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने के आदेश जारी 

भोपाल
राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश के लगभग सवा चार लाख पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने के आदेश सोमवार को जारी कर दिए। अब राज्य में न्यूनतम पेंशन 7 हजार 750 रुपए होगी। इसके साथ ही बढ़ी हुई पेंशन पर महंगाई भत्ता दिया जाएगा।

सातवां वेतनमान लगने से पेंशनरों को साढ़े तीन हजार से लेकर साढ़े 10 हजार रुपए तक फायदा होगा। हालांकि पेंशनरों को राज्य सरकार ने जनवरी 2016 से मार्च 2018 तक का एरियर नहीं दिया है। इससे पेंशनर्स नाराज हैं। पेंशनर्स एसोसिएशन का कहना है कि मुख्यमंत्री ने वादाखिलाफी की है। वित्त विभाग के आदेश के मुताबिक पेंशनरों को मूल पेंशन में 2.57 का गुणा करके पेंशन दी जाएगी। इस बढ़ी हुई पेंशन पर ही महंगाई भत्ता दिया जाएगा। वहीं वृद्ध पेंशनर (80 वर्ष से अधिक आयु वाले) के लिए निर्धारित पेंशन की वर्तमान व्यवस्था ही बरकरार रहेगी।

यह पेंशन 1 अप्रैल 2018 से प्रभावी होगी और जुलाई से दी जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की भुगतान शाखा द्वारा पुनरीक्षित की गई पेंशन के 10 प्रतिशत प्रकरणों का संभागीय और जिला पेंशन अधिकारी टेस्ट ऑडिट करेंगे। पेंशनरों की मांग थी कि उन्हें कर्मचारियों की तरह 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक बढ़ी हुई पेंशन का एरियर दिया जाए। इसे लेकर पेंशनर्स एसोसिएशन की मुख्यमंत्री से मुलाकात भी हुई थी। हालांकि वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में पेंशनरों को एरियर देने का प्रावधान नहीं है। इससे पेंशनर नाराज हो गए हैं। पेंशनर्स एसोसिएशन के गणेशदत्त जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एरियर देने के लिए रास्ता निकालने का वादा किया था। हमें भी एरियर चाहिए। यह सरकार की वादाखिलाफी है। राज्य के नगरीय निकायों के पेंशनर्स को भी 139 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। नगरीय निकाय के पेंशनरों को भी राज्य सरकार के पेंशनरों के बराबर महंगाई भत्ता दिया गया है। यह मंहगाई भत्ता 1 जुलाई 2017 से मिलेगा।
 

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