2019 के चुनाव जीतने की जुगत में भाजपा बिछा रही फिर शतरंजी बिसात!

नई दिल्ली
जून की चिलचिलाती गर्मी के बावजूद दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में काफी सक्रियता है. कर्नाटक में विपक्ष की जीत और फिर दूसरे राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन से पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला घटा नहीं है. आत्मविश्लेषण के लिए उनके पास कोई समय नहीं. पार्टी नेतृत्व की ओर से स्पष्ट निर्देश है—बदले राजनैतिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए 2019 की तैयारी करनी है.

बेशक इस साल उत्तर प्रदेश के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में एकजुट विपक्ष ने भाजपा को धूल चटाई हो, लेकिन विपक्ष की इसी योजना में भाजपा ने छेद खोज लिया है. पार्टी का मानना है कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के एका का सूचकांक केवल उत्तर प्रदेश में ऊपर है, जहां से लोकसभा के 80 सांसद चुने जाते हैं. पार्टी के एक नेता कहते हैं, "निश्चित रूप से यूपी हमारे लिए चिंता का विषय है.''

एक अन्य नेता के शब्दों में, "दूसरे राज्यों में तो विपक्षी एकता नरेंद्र मोदी के पक्ष में भावनात्मक माहौल बनाने का काम करेगी और इसका असर यह होगा कि जनता उन लोगों के खिलाफ एकजुट हो जाएगी जो एक ईमानदार प्रधानमंत्री को उखाड़ फेंकने के लिए लामबंद होंगे.''

इसी तरह एक नेता कहते हैं, "अगर पश्चिम बंगाल में माकपा टीएमसी से हाथ मिला ले या कांग्रेस ओडिशा में बीजद या फिर तेलंगाना में केसीआर के साथ तालमेल कर ले तो हमारे लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा. यूपी में सपा-बसपा की चुनौती से निबटने के लिए हमने 50 फीसदी वोट पाने का लक्ष्य रखा है और इसमें हम महज छह फीसदी से पीछे हैं.

थोड़े प्रयास से इसे पाना कोई मुश्किल काम नहीं.'' पूरे यूपी में अपनी स्थिति का अंदाजा लगाने के लिए भाजपा 33 फीसदी मुसलिम वोट वाले कैराना को कोई पैमाना नहीं मानती क्योंकि 2014 में हुए 73 फीसदी मतदान की तुलना में इस बार सिर्फ 61 फीसदी वोट पड़े.

पार्टी यह भी मानती है कि राष्ट्रीय स्तर पर नजारा कुछ और होगा जहां मुकाबला मोदी बनाम राहुल या फिर मोदी बनाम अन्य होगा. जैसा कि अमित शाह कहते हैं, "विपक्षी एकता ऐसी घटना है जिसे मीडिया बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है.

हमारी जन योजनाओं ने 22 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाया और इसका असर उनके परिवारों पर पड़ा और इस तरह 80 करोड़ से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए. अपनी पार्टी मशीनरी के जरिये हम इन लाभान्वित लोगों से सीधे जुडऩे की तैयारी कर रहे हैं.''

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button