कनाडा ने किया आगाह, सहयोगी देशों के राजनीतिक मामलों में दखल दे रहा चीन

टोरंटो 
कनाडा ने चीन की एक नई चाल को लेकर दुनिया को आगाह किया है। कनाडा की सिक्यॉरिटी इंटेलिजेंस सर्विसेज (CSIS) ने दावा किया है कि चीन अपने आर्थिक संबंधों और प्रभाव का इस्तेमाल कर साझेदार देशों के राजनीतिक मामलों में दखल दे रहा है। चीन को लेकर CSIS की एक रिपोर्ट में लोकतांत्रिक प्रणाली में विदेशी दखल के खतरे पर पूरा एक सेगमेंट है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि कैसे चीन अपने फायदे के लिए न्यू जीलैंड को निशाना बना रहा है।  

टोरंटो संडे गार्डियन (TSG) में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक न्यू जीलैंड में चीन के राजनीतिक दखल संबंधी गतिविधियां अब एक क्रिटिकल लेवल पर पहुंच गई हैं। लेख का दावा है कि पेइचिंग ऐसी रणनीतिक जानकारियों और संसाधनों तक पहुंच बनाना चाहता है जिससे न्यू जीलैंड के पॉलिटिकल सिस्टम की अखंडता खतरे में पड़ सकती है। इससे न्यू जीलैंड की संप्रभुता के साथ-साथ सीधे तौर पर वहां के लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सहयोग और धर्म के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। 

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के कार्यकाल पर टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट में उनके प्रभाव को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसके तहत, 'विदेश में चीनी समुदायों को गाइड और मैनेज करने के प्रयासों को मजबूत करना और उन्हें चीन की विदेश नीति के एजेंट के तौर पर इस्तेमाल करना शामिल है। शी ने पीपल-टु-पीपल, पार्टी-टु-पार्टी के साथ ही PRC उद्यम का विदेशी उद्यमों से संबंध को मजबूत करने पर फोकस किया है जिससे CCP की विदेशी नीति मकसदों को बढ़ावा दिया जा सके और विदेशियों का सहयोग हासिल किया जा सके। वैश्विक, मल्टी-प्लैटफॉर्म, सामरिक संवाद की रणनीति को विस्तार देने और चीन केंद्रित आर्थिक व रणनीतिक गुट बनाया जा सके।' 

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन धमकी और प्रलोभन का इस्तेमाल कर कारोबारी और राजनीतिक हितों को साधना चाहता है। इसके जरिए वह ताइवान के दर्जे और दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद पर अपने रुख का बचाव करना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'पेइचिंग कारोबार, तकनीक और इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच बनाने के लिए अपनी कॉमर्शल पोजिशन का इस्तेमाल करेगा और फिर उनका खुफिया उद्देश्यों के लिए लाभ उठाएगा।' 

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