जानिए क्‍या है सूर्य नमस्‍कार करने का सही समय

प्राचीन समय से ही योग द्वारा मन और शरीर को स्‍वस्‍थ रखा जा रहा है और योग को मानसिक और शारीरिक लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है। ये वज़न कम करने और किसी शारीरिक चोट, मन को शांत करने और तनाव को कम करने के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही में दुनियाभर में इसे लोकप्रियता मिली है और विश्‍व के कई हिस्‍सों में लोग योग करते हैं।

योग का सबसे प्रसिद्ध आसन है सूर्य नमस्‍कार। इसमें विभिन्‍न 12 योगासन होते हैं जो मंत्रोच्‍चारण के साथ किए जाते हैं। हालांकि, ऐसा ज़रूरी नहीं है, इससे पूरे व्‍यायाम में अध्‍यात्‍म भी जुड़ जाता है।

आसन के कई स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक लाभ होते हैं जैसे कि ये रक्‍तप्रवाह को बेहतर करता है और पाचन ठीक करता है। यह वज़न कम करने में भी मदद करता है। इससे शरीर में सकारात्‍मक ऊर्जा भी आती है। एक बार सूर्य नमस्‍कार करके 13.9 कैलोरी घटाई जा सकती है। सूर्य नमस्‍कार स्‍वस्‍थ रहने का सबसे सरल तरीका है।

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि सूर्य नमस्‍कार 12 योगासनों का मेल होता है। सबसे पहले प्रणायाम होता है जिसमें दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े होना होता है। इसके बाद आता है हसतोत्तानासन जिसमें हाथों को ऊपर उठाया जाता है और फिर आता है हस्‍तपदासन जिसमें आगे की ओर झुक कर खड़े होना होता है।

चौथा आसन है अश्‍व संचालासन जिसमें घोड़े की तरह बैठना होता है, पांचवा आसन है दंदासन और इसके बाद अष्‍टांग नमस्‍कार जिसमें कोबरा की मुद्रा में आना होता है। इसके बाद आता है भुजंगासन जिसमें कुत्ते की मुद्रा में नीचे मुंह करना होता है। इसके बाद अश्‍व संचालासन और फिर हस्‍तपादासन, हस्‍तोत्तानासन और प्राणायाम आता है।

सूर्य नमस्‍कार का अर्थ है सूर्य का शाश्‍वत अभिवादन करना। इस व्‍यायाम से सूर्य से ऊर्जा पाकर शरीर स्‍वस्‍थ बनता है। सूर्य नमस्‍कार सूर्य के तेज से ऊर्जा प्राप्‍त करना है और इस आसन को सही समय पर करना ज़रूरी होता है।

योग निर्देशक की मानें तो योग करना एक कला है और सूर्य नमस्‍कार करने का सबसे उपयुक्‍त समय प्रात: काल का है। इस आसन के लिए ये समय सबसे सही माना जाता है।

हालांकि, ऐसा ज़रूरी नहीं है कि आपको ये आसन सुबह के समय ही करना है। आप इसे शाम को भी कर सकते हैं। कुछ लोग काम में बहुत व्‍यस्‍त रहते हैं और इस वजह से सुबह सूर्य नमस्‍कार नहीं कर पाते हैं क्‍योंकि सुबह के समय सबसे ज़्यादा काम होता है।

अगर आप वज़न घटाकर स्‍वस्‍थ रहना चाहते हैं तो सूर्य नमस्‍कार आपके लिए सर्वोत्तम है। सूर्योदय के समय सूर्य नमस्‍कार करना सबसे ज़्यादा बेहतर रहता है। सूर्य की ओर देखकर सुबह खाली पेट सूर्य नमस्‍कार करना चाहिए। सूर्य के तेज से सकारात्‍मक ऊर्जा मिलती है और सेहत को कई फायदे होते हैं।

सुबह के वक़्त शांत और सौम्‍य माहौल होता है और दिन की शुरुआत में इस आसन को करने से मन ताज़गी महसूस करता है। इ‍सलिए घर से बाहर खुली हवा में सूर्य नमस्‍कार करना ज़्यादा फायदेमंद रहता है। हालांकि, आप इसे घर पर भी कर सकते हैं लेकिन कमरा हवादार होना चाहिए।

शुरुआती समय में शाम के वक़्त सूर्य नमस्‍कार करना बेहतर रहता है क्‍योंकि इस समय शरीर गतिमान रहता है जबकि सुबह के समय सुस्‍ती रहती है। अगर आप सुबह सूर्य नमस्‍कार करना चाहते हैं तो शाम को इसका अभ्‍यास कर सकते हैं। इसकी तकनीक को समझकर आप सुबह आसानी से ये आसन कर सकते हैं।

इसके अलावा ये आसन धीमी गति से करना चाहिए और अपनी मुद्रा को परफेक्‍ट रखने की कोशिश करें। इसके अलावा सूर्य नमस्‍कार की 12 मुद्राएं करना लाभदायी रहता है। सूर्य नमस्‍कार से पहले वार्मअप होने से चोट लगने की संभावना कम हो जाती है और शरीर में सुस्‍ती भी नहीं रहती है।

गर्भवती महिलाएं, हर्निया के मरीज़ या उच्‍च रक्‍तचाप से ग्रस्‍त, पीठ दर्द से परेशान और माहवारी के दौरान महिलाएं सूर्य नमस्‍कार ना करें। डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही सूर्य नमस्‍कार करें।

योग में सूर्य नमस्‍कार सबसे बेहतरीन और महत्‍वपूर्ण आसन है। ये मन और मस्‍तिष्‍क को स्‍वस्‍थ रखकर उसे ऊर्जा और जोश से भरे रखता है। अगर आप भी अपने वर्कआउट रूटीन में कोई बदलाव लाना चाहते हैं तो सूर्य नमस्‍कार कर सकते हैं।

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