दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना होगा, जिससे मानव जीवन को बचाया जा सके – उइके

रायपुर
राज्यपाल सुअनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के संबंध में आज वर्चुअल रूप से सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण गंभीर स्थिति में है। इसका सभी को मिलकर सामना करना होगा। हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करना होगा, जिससे मानव जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने राजनीतिक दलों से कहा कि इस समय संक्रमण काल में आपके दलों के कार्यकतार्ओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। वे आम जनता को जागरूक कर सकते हैं और मोटिवेटर की भूमिका निभा सकते हैं। वे गरीबों को राशन पहुंचाने तथा उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इस महामारी से लडऩे में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। अकेली राज्य सरकार के लिए कोरोना महामारी से निपटना काफी कठिन है। इस महामारी से निपटना हम सब का सामूहिक दायित्व और कर्तव्य है। सभी एकजुट होकर इस संकट से उबरने में सहयोग करें। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सब एकजुट होकर अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें ताकि हम इस बीमारी से जल्द निजात पा सकें।

सुउइके ने कहा कि इस बैठक में राजनीतिक दलों के सम्मानीय प्रतिनिधियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। यह खुशी कि बात है कि टीकाकरण के मामले में हमारा प्रदेश अन्य प्रदेशों से आगे है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल की शाम को उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई बैठक में मैंने प्रदेश की स्थिति के संबंध में ध्यान आकृष्ट कराया है। सरकार ने भारत सरकार से पूर्व में इंजेक्शन, वेंटीलेटर, आक्सीजन प्रदान करने का अनुरोध किया था। उसी अनुरूप मैंने भी भारत सरकार से प्रदेश में 285 वेंटिलेटर, 30800 आॅक्सीजन गैस सिलेंडर, 68800 रेमडेसिविर प्रदाय करने, 03 आरटीपीसीआर लैब की स्थापना तत्काल करने का आग्रह किया है। मैंने प्रधानमंत्री से इसके साथ ही अन्य पहलुओं में जल्द सहायता देने का अनुरोध किया है।

राज्यपाल ने बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन तथा आवश्यक दवाईयों की व्यवस्था करें तथा इसे लेकर जनता को जागरूक भी करें। उनके मध्य घबराहट व्याप्त हो रही है उसे दूर करें। आइसोलेशन सेंटर की तत्काल व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारी हैं उन्हें भी जवाबदारी सौंपी जाए, जिला स्तर पर आपदा नियंत्रण समिति बनाई जाए तथा सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एक सर्वसुविधायुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए और हेल्पलाईन नंबर प्रारंभ किया जाए जिसमें सभी आवश्यक जानकारी प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव अपने जिले के संपर्क में रहे और निरंतर समन्वय बनाकर कार्य करे। विकासखण्ड स्तर पर आॅक्सीजन युक्त बिस्तरों की व्यवस्था की जाए और नोडल अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किया जाए। सुउइके ने कहा कि आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट काफी विलंब से आ रही है, इसके बिना मरीज का इलाज प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। ऐसी व्यवस्था करें कि लक्षणों के आधार पर तुरंत इलाज प्रारंभ हो, परीक्षण की रिपोर्ट 12 घंटे में आना चाहिए और इलाज तुरंत प्रारंभ किया जाना चाहिए। जो चिकित्साकर्मियों के पद रिक्त है उन पर तत्काल पुन: संविदा नियुक्ति की जाए। मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत में छूट दी जाए और उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही प्रवासी श्रमिकों के लिए क्वारेंटाईन सेंटर बनाया जाए, प्रदेशों की सीमा में नजर रखा जाए और बाहर से आने वाले श्रमिकों और नागरिकों को क्वारंटाईन किया जाए, लॉकडाउन के दौरान गरीबों को राशन पहुंचाने की उचित व्यवस्था की जाए।

इस बैठक में भाजपा से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, शिवसेना के धनंजय परिहार, समाजवादी पार्टी की सुवंदना साहू, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के फरीद मोहम्मद कुरैशी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे.) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, राष्ट्रीय कांग्रेस पाटी से नीलकंठ त्रिपाठी, मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पाटी से धरमलाल महापात्रा भी शामिल हुए और महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

 इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सामान्य प्रशासन विभाग और जनसंपर्क विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक स्वास्थ्य नीरज बंसोड़ एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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