भोपाल में साइबर ठगी, इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम 40 लाख का चूना

भोपाल
राजधानी भोपाल में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ये ठगी 3 साल तक चलती रही. ठगों ने BHEL के रिटायर्ड ऑफिसर को 40 लाख का चूना लगा दिया. साइबर पुलिस ने इस मामले में दिल्ली और कानपुर से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास बड़ी मात्रा में क्लाइंट्स का डेटा भी जब्त किया गया है.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सायबर  योगेश चौधरी ने बताया कि ठगी का यह गिरोह दिल्ली और कानपुर से चलाया जा रहा था. आरोपी ने इन दो शहरों में कॉल चला रखा था. बदरपुर, दिल्ली से दवाई कंपनी के नाम पर ये ठगी की जा रही थी. आरोपियों से कई मोबाईल फोन, कम्प्यूटर, बैंक एकाउंट और 20,000 इन्श्योरेंस पॉलिसी का डाटा मिला है.

दरअसल, सायबर पुलिस को रिटायर्ड ऑफिसर ने शिकायत की थी उनके साथ ठगी हुई है. पुलिस ने  धारा 552/2020 दर्ज कर लिया. जांच में पता चला कि ऑफिसर की बजाज एलायंस की एक इंश्योरेंस पॉलिसी बंद है. इसका फायदा आरोपियों ने उठाया. उन्होंने ऑफिसर को बातों में फंसाकर इस पॉलिसी को चालू कराने और क्लेम सेटलमेंट कराने की बात कही. चूंकी, इंश्योरेंस पॉलिकी की रकम बड़ी थी इसलिए ऑफिसर उनकी बातों में आ गए. ये साइबर ठग 2018 से 2020 तक उन्हें WhatsApp और ईमेल कर पॉलिसी के संबंध में कई दस्तावेज भेजते और अलग-अलग खातों में रुपए डालने को कहते. इस तरह उन्होंने ऑफिसर से 8 बैंक खातों में 40 लाख रुपए जमा करा लिए.

पूरा मामला समझने के बाद साइबर पुलिस ने सबसे पहले कानपुर से आरोपी नितिन त्रिवेदी को गिरफ्तार किया. इसने एक्सिस बैंक, आईडीएफसी बैंक के खातों में लगभग 05 लाख रुपए जमा कराए थे. इस रकम में से कुछ राशि अन्य आरोपियों को दिल्ली ट्रांसफर की गई थी. गौरतलब है कि नितिन त्रिवेदी खुद कई बैंकों में काम कर चुका है. इसलिए उसे बैंकों के कमजोर पक्षों की पूरी जानकारी थी. नितिन की निशानदेही पर पुलिस ने गुरुग्राम में दबिश ती और दूसरे आरोपी अर्पित गुप्ता को पकड़ लिया. अर्पित गुरुग्राम के एयू स्मॉल फायनेन्स बैंक में कॉर्पोरेट सैलरी विभाग में एरिया मैनेजर के पद पर था.

अर्पित गुप्ता और नितिन त्रिवेदी पूर्व में एक साथ इंडसइंड बैंक, दिल्ली में काम कर चुके हैं. दोनों ही आरोपियों के इन्श्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ऑनलाईन ठगी करने वाले गिरोह से संपर्क थे. इन आरोपियों को वे बैंकिंग सूचनाएं देने के साथ-साथ बैंक खाते भी उपलब्ध कराते थे. इन्हीं खातों में धोखाधड़ी के रुपए लिए जाते थे. अर्पित गुप्ता की निशानदेही और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर दिल्ली में अन्य आरोपियों को पहचाना गया. इसके बाद दिल्ली में बदरपुर थाना क्षेत्र में संदिग्ध पते पर दबिश दी गई.

यहां आरोपी सुप्रोभात माली, निवासी बैतूल और आरोपी रघु आनंद, निवासी फरीदाबाद, हरियाणा को पकड़ा गया. दोनों आरोपियों ने लाईका आयुर्वेदा हेल्थ एवं ब्यूटी प्रायवेट लिमिटेड नाम की कंपनी रजिस्टर्ड करा रखी थी. इसी की आड़ में ये ऑनलाइन ठगी का धंधा संचालित कर रहे थे. आरोपियों के ऑफिस से डी.वी.आर., इन्टरनेट मॉडम, मोबाईल फोन, सिमकार्ड, कम्प्यूटर सिस्टम तथा लगभग 20,000 इन्श्योरेंस कंपनियों का डाटा जप्त किया गया है.

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