दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगने के बाद आनंद विहार बस अड्डे पर उमड़ी भीड़, फिर प्रवासी श्रमिकों का पलायन शुरू

नई दिल्ली 
राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की चौथी लहर को काबू करने के लिए पहले लगाए गए नाइट कर्फ्यू और अब वीकेंड कर्फ्यू ने प्रवासी मजदूरों की परेशानी और बढ़ा दी है। काम-धंधे प्रभावित होने और बीते साल लगाए गए लॉकडाउन में हुई दिक्कतों को देखते हुए अब इन प्रवासी श्रमिकों ने दिल्ली से पलायन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को आनंद विहार बस अड्डे पर घर वापस लौटने वालों की भारी भीड़ देखी गई। इन लोगों को फिर से लॉकडाउन का डर सता रहा है।

आनंद विहार बस अड्डे पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि यहां कल से वीकेंड कर्फ्यू लगने वाला है, इसलिए अब हम अपने गांव प्रतापगढ़ वापस जा रहे हैं क्योंकि हम रोज कमाने-खाने वाले इंसान हैं, यदि काम बंद हो जाएगा तो हम यहां क्या करेंगे। इस बार हर कोई किसी भी तरह जल्द से जल्द अपने घर पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। प्रवासी मजदूरों के पलायन से जुड़ी ऐसी कुछ खबरें एनसीआर के अन्य शहरों से भी सामने आ रही हैं, जहां से लोगों ने अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है। बता दें कि, बीते साल लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान आनंद विहार पर प्रवासी श्रमिकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिसे काबू करने के पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए गुरवार को उपराज्यापाल अनिल बैजल से मुलाकात के बाद राजधानी में वीकेंड कर्फ्यू लगाने और 30 अप्रैल तक कुछ सेवाओं को बंद रखे जाने की घोषणा की। इस वीकेंड कर्फ्यू को बढ़ाने पर फैसला अगले सप्ताह कोविड-19 हालात की समीक्षा के बाद लिया जाएगा।

गुरुवार को जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, वीकेंड कर्फ्यू शुक्रवार 16 अप्रैल को रात 10 बजे से शुरू होगा और सोमवार 19 अप्रैल को सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा। राजधानी में जिम, ऑडिटोरियम, मॉल, स्पा, मनोरंजन पार्क और सभा कक्ष 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे। सिनेमाघरों में भी केवल 30 प्रतिशत लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, रेस्तरां के भीतर बैठकर खाना खाने की अनुमति नहीं होगी और वीकेंड कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाएं और शादी समारोह प्रभावित नहीं होंगे इने लिए कर्फ्यू पास जारी किए जाएंगे। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने अपने आदेश में कहा कि वीकेंड कर्फ्यू के दौरान शादी में 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोगों के शामिल होने की अनुमित होगी।

 

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