स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूप में कोविड-19 को लेकर रोज हो रही बैठकें, मरीजों की मॉनीटरिंग करने में फैल डॉक्टर्स

भोपाल
बेकाबू हो चुके कोरोना वायरस को काबू करने के लिए गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में कोविड 19 को लेकर रोज बैठकें हो रही है। इधर अफसरों का तांता लगा रहता है। दिनभर अफसर ऐसी केबिनों में बैठ कर महामारी की रोकथाम और व्यवस्था को लेकर बात करते हैं। इसके बावजूद स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के 49 डॉक्टरों की टीम शहर के 2600 होम आइसोलेशन के मरीजों की मॉनीटरिंग करने में फैल साबित होते नजर आ रहे है। दरअसल मरीजों के पास सप्ताह भर में भी जरूरी दवाएं नहीं पहुंच रही है। इसके चलते होम आइसोलेशन के मरीजों की फजीहत होना लजमी है। मरीजों का आरोप हैं कि स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम में दवाओं को मांगने के लिए फोन करने पर वहां कोई फोन रिसीव नहीं करता। नतीजा गंभीर मरीज खुद ही परेशान होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

निगम के वार्ड और जोन के कर्मचारियों को फिर से होम आइसोलेशन क्वारेंटाइन लोगों के घरों पर उनके नाम का पर्चा-पोस्टर चिपकाना होगा। इसके लिए शासन से निर्देश जारी हो गए हैं। संबंधित क्षेत्र और घर में जरूरी सामान की आपूर्ति का जिम्मा भी निगम के इन्हीं वार्ड व जोन कर्मचारियों को मिला था।

स्मार्ट सिटी के 9 कर्मचारियों पर ढाई हजार से अधिक होम आइसोलेशन के मरीजों को दवा पहुंचाने का जिम्मा है। यह कर्मचाराी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर घर-घर दवा पहुंचाते हैं। चूंकि शहर बहुत बड़ा है ऐसे में मेनपॉवर की कमी के कारण मरीजों तक दवाओं के पहुंचने में देरी हो रही है।

स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के 40 डॉक्टरों की टीम होम आइसोलेशन के मरीजों की मॉनीटरिंग में फैल साबित हो रही है। एसडीएम सर्किल स्तर पर भी 8 से 9 डॉक्टर की टीमेंं होम आइसोलेशन की मॉनीटरिंग करते हैं। प्रॉपर मॉनीटरिंग नहीं हो रही है।

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