भय्यूजी महराज! अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए हैं

उन्हें लग्जरी गाड़ियों और स्विस घड़ियों का शौक बहुत शौक था.
भय्यूजी महाराज ने सुसाइड करने से पहले सुसाइड नोट छोड़ा है. इस नोट के दूसरे पन्‍ने में उन्होंने अपने आश्रम, प्रॉपर्टी और वित्‍तीय शक्‍तियों की सारी जिम्‍मेदारी अपने वफादार सेवादार विनायक को दी है. दिवंगत भय्यूजी महाराज को विनायक पर इतना भरोसा था कि उनकी जिंदगी से जुड़ी हर बात विनायक को पता होती थी. उनके हर फैसले में विनायक सहभागी होते थे. महाराज भी उनकी बात का आदर करते थे. यही कारण है कि उन्होंने संपत्ति के सारे अधिकार विनायक को सौंपे हैं.

भय्यूजी महाराज मध्य प्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार से आते थे. अपने शुरुआती दिनों में भय्यूजी महाराज सियाराम शूटिंग शर्टिंग के लिए पोस्टर मॉडलिंग करते थे. लेकिन बाद में 'गृहस्थ संत' हो गए. हाईप्रोफाइल संत भय्यूजी महाराज अपने सामाजिक कार्यों के साथ-साथ अपनी लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते थे.

कितनी है संपत्ति
एक अनुमान के मुताबिक भय्यूजी महाराज की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये के आसपास है. भय्यूजी महाराज का इंदौर में सुखलिया स्थित सर्वोदय आश्रम सहित दो घर है. उन्हें लग्जरी गाड़ियों और स्विस घड़ियों का बहुत शौक था. भय्यूजी के पास 10 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां थीं और सभी गाड़ियां सफेद रंग की थीं. वो रोलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे और आलीशान भवन में रहते थे.

भय्यूजी महाराज और ट्रस्ट की ज्ञात संपत्ति
– इंदौर के बाप चौराहा स्थित सूर्योदय आश्रम
– इंदौर के स्कीम नंबर 74 स्थित तीन मंजिला बंगला 'शिवनेरी'
– इंदौर के सिल्वर स्क्रीन टाउनशिप में आलीशान बंगला
– इंदौर के स्कीम 114 में बेशकीमती प्लाट
– महासिद्ध पीठ ऋषि संकुल खामगांव (महाराष्ट्र)
– विश्वनाथ शांति प्रसार केंद्र अकोला (महाराष्ट्र)
– सांगोला आश्रमशाला, सोलापुर (महाराष्ट्र)
– मुर्टा आश्रमशाला, तुलजापुर, उस्मानाबाद (महाराष्ट्र)
– सूर्य मंदिर साधना केंद्र पुणे महाराष्ट्र
– सूर्योदय धरती पुत्र ज्ञान प्रबोधिनी विद्यालय, धार (एमपी)
– सूर्योदय पारदी समाज आदिवासी आश्रमशाला, सजनपुर

एसयूवी में चलने के शौकीन भय्यूजी अपनी हाईप्रोफाइल लाइफ की वजह से भी चर्चा में रहते थे. भय्यूजी महाराज का श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट देशभर में है. केवल महाराष्ट्र में ही इस ट्रस्ट के 20 से ज्यादा केंद्र हैं.

भय्यूजी महाराज के नाम के साथ भले ही महाराज जुड़ा हो और इतनी संपत्ति हो, लेकिन वो धोती-कुर्ते की बजाए अक्सर ही ट्रैकसूट या पैंट शर्ट में ही नजर आते थे. कभी वो एक किसान कि तरह अपने खेतों को जोतते नजर आते थे तो कभी क्रिकेट खेलते हुए उन्हें देखा गया. घुड़सवारी और तलवारबाजी में भी वो बहुत माहिर थे.

जानकार बताते हैं कि उन्होंने एमपी में सामूहिक विवाहों की योजना बनाने से लेकर भारत माता के प्रति लोगों में जागरुकता लाने, प्रकृति की सेवा के लिए निसर्ग साधना केन्द्र खोलने, संस्कृति के विस्तार के लिए भारतीय संस्कृति ज्ञान मंदिर और ऋषि संकुल खोलने जैसे बहुत सारे काम किए. उनका जनाधार और प्रभाव ग्रामीण इलाकों में खासा रहा. भारतीय संविधान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए भी बहुत काम किया. वे संविधान के सारांश की पुस्तिकाएं बंटवाते रहे.

अपनी निजी जिंदगी को लेकर भय्यूजी महाराज कई बार विवादों में घिरे थे. पिछले साल ही भय्यूजी महाराज उस वक्त चर्चा में आए जब 49 साल की उम्र में उन्होंने दूसरी शादी की थी. उस समय भय्यूजी के शादी के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया था. करीबी लोगों ने बताया था कि पहली पत्नी की मौत के बाद भय्यूजी महाराज काफी अकेला महसूस कर रहे थे.

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