गडकरी ने जारी किया नीति आयोग का जल प्रबंधन इंडेक्स, 60 करोड़ लोगों के सामने पानी का संकट
नई दिल्ली
भारत में जल संकट की चिंता को नीति आयोग की रिपोर्ट ने और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट कहती है कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे हैं। वहीं, तकरीबन 75 फ़ीसदी घरों में पीने का पानी तक मुहैया नहीं है।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने नीति आयोग का जल प्रबंधन इंडेक्स जारी किया है, जिसके बाद यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की करीब आधी आबादी पानी की भयंकर कमी से जूझ रही है। जबकि 75 फ़ीसदी घरों में पीने का पानी मुहैया नहीं है। 84 फीसदी ग्रामीण घरों में पाइप से पानी नहीं पहुंचता पाता है। देश में करीब 70 फीसदी पानी पीने लायक नहीं है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि देश अभी इतिहास के सबसे बड़े जल संकट से जूझ रहा है क्योंसकि लगभग आधे भारत के सामने पानी की उपलब्धकता की भयावह स्थिति है। उन्होंने कहा कि देश में पानी का सबसे बेहतर प्रबंधन गुजरात में है। नीति आयोग की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के साथ विशेष बैठक बुलाने का फैसला किया है जिसमें दिल्ली को अगले दो साल में वायु और जल प्रदूषण मुक्त् करने के लिए एक प्लान तैयार किया जाएगा।
दिल्ली में ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
प्रदूषण की वजह से सर्दियों में तो दिल्ली का दम घुटता ही था, लेकिन इस बार यह स्थिति भरी गर्मी में बन गई है। दिल्ली में प्रदूषण के चलते सारे निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। यह रोक हालात सामान्य होने तक लगी रहेगी। यह आदेश केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के चलते रोक लगी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टोन क्रशर के काम पर भी तुरंत रोक लागू कर दी है। बोर्ड ने कहा है कि फायर ब्रिगेड से पानी का छिड़काव होगा और मशीनों से दिल्ली की सड़कों की सफ़ाई होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक जल संकट से 2050 तक देश की जीडीपी में 6 प्रतिशत का नुकसान होगा, तो वहीं 2030 तक देश की 40 फीसदी आबादी के पास पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं होगा। जल प्रबंधन इंडेक्स के मुताबिक दुनिया के 122 देशों में भारत 120वें स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया कि 21 शहर जिनमें नई दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद शामिल हैं, यहां पर 2020 तक भू-जल का स्तहर काफी घट जायेगा जिससे 10 करोड़ लोगों का जीवन प्रभावित होगा। इसके अलावा 2030 तक देश में पानी की मांग दोगुनी हो जाएगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर साल 2 लाख लोगों की मौत स्वच्छ पानी उपलब्ध न होने से हो जाती है।
ताजा हालात को लेकर उपराज्यपाल ने बैठक भी की। दरअसल दिल्ली और एनसीआर में गुरुवार को धूल का गुबार छाया रहा और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अनुमान व्यक्त किया कि अगले तीन दिन तक यह धुंध छाई रह सकती है। मंत्रालय के अनुसार दिल्ली के ऊपर छायी धूल भरी धुंध के लिए राजस्थान में आयी धूल भरी आंधी मुख्य वजह है। यहां गुरुवार को हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर से नीचे चली गई। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में अगले तीन दिनों तक दिल्ली में यह स्थिति बरकरार रहने की आशंका व्यक्त की गई है।