वाघमरे ने की लंकेश की हत्या, संगठन का 5 राज्यों में नेटवर्क: SIT

बेंगलुरु 
पत्रकार और एक्टिविस्ट गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था। परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है। एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि गौरी, गोविंद पंसारे और एमएम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया था।  

नाम उजागर न करने की शर्त पर एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'वाघमारे ने गौरी को गोली मारी और फरेंसिक जांच से इस की पुष्टि भी हुई है कि गोविंद पंसारे, एमएम कलबुर्गी की हत्या उसी हथियार से की गई।' उन्होंने कहा कि हथियार का अभी पता नहीं लगाया जा सका है। फरेंसिक जांच से इस बात की पुष्टि तब हुई, जब गोली के पिछले हिस्से पर एक ही तरह का निशान बना हुआ मिला। अधिकारी ने बताया कि दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं, जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं, लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है। 

अधिकारी ने कहा, 'हमें मालूम हुआ है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश, गुजरात , महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क है। हम अभी तक उत्तर प्रदेश से उनके ताल्लुक का पता नहीं चला सके हैं।' उन्होंने कहा कि भले ही इस गिरोह ने महाराष्ट्र के हिंदू जागृति समिति और सनातन संस्था जैसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों के लोगों की भर्ती किया, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि ये संस्थाएं सीधे तौर पर हत्या में शामिल हों। दोनों ही संगठनों ने इन तीनों की हत्या में किसी तरह की भूमिका से इंकार किया है। अधिकारी ने बताया कि सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ। 

उन्होंने बताया कि एसआईटी को संदेह था कि गौरी की हत्या के दौरान तीन और लोग वहां मौजूद थे। अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह बड़ी सतर्कता से अपने कार्यों को अंजाम देने से पहले उसकी योजना बनाता था। यह गिरोह जासूसी करना, निशाने पर लिए लोगों की कमजोरियां पहचानना और उनकी हत्या करने में छह महीने से साल भर तक का समय लेता था। उन्होंने कहा , 'यह गिरोह (कन्नड़ लेखक) प्रोफेसर एस भगवान की हत्या के लगभग अंतिम चरण में था, जब हमने इन्हें धर दबोचा।' कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में भगवान की हत्या की साजिश का खुलासा किया था और गिर‍फ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही गौरी लंकेश की हत्या में इनकी संलिप्तता का संदेह हुआ। 

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