गंगा में लाशें का मामला:  उत्तर प्रदेश और बिहार से पैनल ने 2 दिनों के भीतर मांगा जवाब  

नई दिल्ली
कोरोना महामारी के दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में बहते शवों और किनारे की रेत में बड़ी संख्या में दफनाए जा रहे शवों पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) सख्त हो गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) उत्तर प्रदेश और बिहार की सरकार से कहा है कि गंगा में कहां से और कैसे लाशें पहुंच रही है, इसपर जवाब दें। इसके अलावा सभी जिला गंगा समितियों को नदी में फेंके जा रहे शवों के मुद्दे पर जल्द से जल्द समाधान करने की सलाह भी दी गई है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन पैनल ने शनिवार को उत्तर प्रदेश और बिहार को 2 दिनों में एक "विस्तृत रिपोर्ट" प्रस्तुत करने के लिए कहा है।  

सूत्रों ने बताया कि एनएमसीजी ने शनिवार को जल शक्ति सचिव पंकज कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान दोनों राज्यों बिहार और यूपी के वरिष्ठ अधिकारियों को यह जानकारी दी है। एक सूत्र ने कहा कि दोनों राज्यों को नदी और उसकी सहायक नदियों में शवों के डंपिंग के मुद्दे पर 'विस्तृत रिपोर्ट' देने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि गंगा में बहती लाशों से पानी की गुणवत्ता भी खराब हो सकती है, बैठक में इन मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। वहीं सीपीसीबी को गंगा जल के नमूने की आवृत्ति बढ़ाने के लिए कहा गया है। बैठक में राज्यों को गंगा नदी में शवों को फेंकने से रोकने के लिए सभी जिलों को सतर्क किया गया है और इसे फौरन रोकने के लिए कहा गया है। गंगा पैनल ने कहा है कि न केवल शवों को नदियों में फेंकना बल्कि नदियों के किनारे रेत में दफनाने को भी रोकने की जरूरत है।
 

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