डीएपी और एनपीके खाद के दाम होंगे कम या और बढ़ेंगे?  

 नई दिल्ली 
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि फास्फेट एवं पोटाश उर्वरकों के कच्चे माल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के प्रभावों को कम करने के लिए वह सब्सिडी के बारे में विचार कर रही है। उसके इस कदम के पीछे देश भर में किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का उद्देश्य है।  उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के संकट के समय में सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है। बता दें 10 दिन पहले तक 1200 रुपए में मिलने वाली 50 किलो डीएपी की बोरी अब 1900 रुपए की हो गई है।  इसी तरह एनपीके (12.32.16) और एनपीके (10.26.26) की बात करें तो यह पहले करीब 1075 रुपए प्रति बोरी थी, जो अब क्रमश: 1800 और 1775 रुपए पहुंच गई है।
 
यूरिया के विपरीत फास्फेट एवं पोटाश उर्वरकों उत्पादों की कीमतें विनयिमित हैं। विनिर्माता इनकी कीमत तय करते हैं और सरकार प्रति वर्ष उन्हें निर्धारित सब्सिडी देती है।   मंत्रालय ने कहा कि सरकार सस्ती कीमतों पर फास्फेट एवं पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उर्वरक कंपनियों को पोषक तत्व आधारित अनुदान दरों के अनुसार सब्सिडी जारी है, ताकि किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध करवा सकें। 

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