पांच दलित महिलाओं को कुंभ के दौरान बनाया जाएगा महामंडलेश्वर

इलाहाबाद 
देश के सबसे पुराने और बड़े अखाड़ों में से एक जूना अखाड़े में कुंभ 2019 के दौरान 221 दलित महिलाएं और 300 दलित पुरुष संन्यास लेकर शामिल होंगे। इनमें से पांच महिलाओं को मौनी अमावस्या से पहले महामंडलेश्वर बनाया जाएगा। इससे पहले 500 महिलाओं समेत सैकड़ों दलित जून अखाड़े के सदस्य बन चुके हैं।  
 
इसके अलावा अखाड़े में तीन महिलाओं समेत 8 दलित संत भी हैं, जिन्हें पहले से ही महामंडलेश्वर बनाए जाने का फैसला लिया है। इसी साल अप्रैल में अखाड़े ने कन्हैया उर्फ शिवानंद गिरि को अखाड़े में पहले दलित संन्यासी के रूप में शामिल किया था। अब उन्हें अगले साल कुंभ से महामंडलेश्वर कहा जाएगा। 

जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि बताते हैं, 'अखाड़े में देशभर से करीब 75 लाख सदस्य शामिल हैं। आगामी कुंभ के दौरान 221 दलित महिलाएं भी संन्यास लेकर इसमें शामिल हो जाएंगी। इनमें से पांच को महामंडलेश्वर बनाया जाएगा।' बात दें कि महामंडलेश्वर अखाड़ा परंपरा का सबसे ऊंचा पद होता है। 

संन्यासियों का होगा राजतिलक 
उन्होंने बताया, 'राजतिलक समारोह में सदस्य वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सिर मुंडवाकर अखाड़ा प्रमुख से दीक्षा स्वीकार करेंगे। इसके बाद संन्यासी अपना-अपना पिंड दान करेंगे। इससे यह संदेश जाएगा कि सांसारिक इच्छाओं से परे हैं। उनमें से प्रत्येक को दंड (छड़ी) दिया जाएगा।' उन्होंने बताया कि महामंडलेश्वर के लिए भी इसी तरह का कार्यक्रम आयोजित होगा। 

'राजनेता जाति-धर्म के आधार पर बांट रहे हैं' 
महंत ने कहा, 'इस समय जब राजनेताओं ने समाज को जाति और धर्म के आधार पर अपने फायदे (वोट बैंक) के लिए बांट दिया है, अखाड़ा यह संदेश देना चाहता है कि इंसान का जन्म नहीं बल्कि उसका कर्म जाति तय करता है।' 

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