प्रदेश सरकार धार्मिक भवनाओं को भड़काने वालों पर सख्त, कलेक्टरों को NSA पावर

भोपाल
प्रदेश के सहकारी संस्थाओं में गबन, धोखाधड़ी करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए प्रशासकों को कार्रवाई करने के लिए पंजीयक संस्थाओं से अनुमति के जरूरी नहीं होगी। वहीं प्रदेश सरकार ने कलेक्टरों को साम्प्रदायिक मेल-मिलाप को संकट डालने वालों पर दो माह एनएसए की कार्रवाई करने के पावर दे दिए हैं।

प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में गबन, धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितताएं करने वाले कर्मचारियों पर अब वहां तैनात प्रशासक सीधे कार्यवाही कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें पंजीयक सहकारी संस्थाएं से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। सहकारिता विभाग ने प्रशासकों को और अधिक पावरफुल बना दिया है। प्रदेश की कई सहकारी संस्थाओं में संचालक मंडल का कार्यकाल समाप्त होंने पर वहां संचालक मंडल के स्थान पर संस्था के कार्य संचालन हेतु प्रशासकों की तैनाती की गई है।

संचालक मंडल द्वारा अनियमितता करने या संचालक मंडल का कार्यकाल समाप्त होंने पर प्रशासक की नियुक्ति की जाती है। सहकारिता विभाग को जानकारी मिली थी कि सहकारी संस्थाओं में स्थाई, संविदा और अस्थाई कर्मचारियों को गबन, धोखाधड़ी और अन्य आर्थिक अनियमितताओं के कारण कार्यवाही किए जाने पर कर्मचारी इसे प्रशासक के अधिकार क्षेत्र के बाहर का काम बताते हुए न्यायालय में प्रकरण दायर कर स्थगन प्राप्त कर रहे है।

इसे देखते हुए अब सहकारिता आयुक्त ने निर्देश जारी किए है कि सहकारी संस्थाओं के कार्य संचालन हेतु तैनात किए गए प्रशासक संबंधित सहकारी संस्थाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गबन, धोखाधड़ी या अन्य किसी आर्थिक अनियमितता में संलिप्त पाए जाने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक, वैधानिक कार्यवाही करने के लिए सक्षम होंगे और उन्हें कार्यवाही करने से पूर्व प्रशासकों को पंजीयक से पूर्व अनुमति, अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी प्रशासकों और सहकारी संस्थाओं को इन निर्देशों से अवगत कराया गया है तथा उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए है।

सहकारी संस्थाओं में गबन, धोखाधड़ी और आर्थिक अनियमितताएं करने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही के लिए अभी तक पंजीयक सहकारी संस्थाएं से अनुमति लेना पड़ता था। प्रशासक द्वारा सीधे कार्यवाही करने पर कर्मचारी कोर्ट से स्थगन ले आते थे। लेकिन अब नियमों में प्रावधान किए जाने के बाद प्रशासक ऐसे मामलों में सीधे निर्णय ले सकेंगे। इससे ऐसे मामलों में अब त्वरित कार्यवाही हो सकेगी। अनुमति के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। न्यायालय से अब ऐसे मामलों में कोई स्थगन भी नहीं ले सकेगा। साथ ही ऐसा होने से विभागीय स्तर पर होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा।

प्रदेश में कतिपय तत्व साम्प्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कार्य को करने के लिए सक्रिय है और उनके सक्रिय रहने की संभावना है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को एक जुलाई से तीस सितंबर तक ऐसे तत्वों पर राष्टÑीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के अधिकार प्रदान किए है। गृह विभाग को ऐसी रिपोर्ट मिली है कि कतिपय तत्व साम्प्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने और लोक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए सक्रिय है।

आगे भी उनके सक्रिय रहने की संभावना है। इसके बाद गृह विभाग के सचिव डॉ श्रीनिवास वर्मा ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कि ये है। राज्य के प्रत्येक जिले की स्थानीय सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों में विद्यमान परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को राष्टÑीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्यवाही करने के लिए अधिकृत किया है। सभी कलेक्टर अपने जिले की स्थानीय सीमाओं के भीतर एक जुलाई से 30 सितंबर 2021 तक एनएसए के तहत किसी भी असामाजिक तत्व पर कार्यवाही कर उसे जेल के भीतर रखने के निर्देश दे सकेंगे।

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