लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्‍ट्र में चुनावी गांठ बांधने में जुटे राजनीतिक दल

मुंबई 
दिसंबर-जनवरी महीने में लोकसभा चुनाव की संभावनाओं ने महाराष्‍ट्र में राजनीतिक दलों की गहमागहमी बढ़ा दी है। आगामी चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना को चुनौती देने के लिए विपक्ष समान विचारधारा वाले दलों के साथ चुनावी गांठ बांधने की जुगत लड़ा रहा है। विभिन्न दलों के नेता आपस में मिल रहे हैं और सहमति बनाने की कोशिश हो रही है।  
 

कांग्रेस-एनसीपी तो सैद्धांतिक रूप से मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। अब प्रयास अन्य छोटे दलों को अपने साथ लाने का है, ताकि बीजेपी विरोधी वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके। उधर सत्ता पक्ष शिवसेना-बीजेपी के बीच भी मेल-मिलाप की कोशिशें चल रही है। हालांकि यह कोशिशें अब तक सिर्फ बीजेपी की तरफ से हो रही हैं और शिवसेना अकेले के दम पर चुनावी मैदान में उतरने की बात बार-बार दोहरा रही है। चुनावी गांठ बांधने की गहमाहमी का यह घटनाक्रम बुधवार को भी तेज रहा। 

राज-आव्हाड मुलकात से नई चर्चा 
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और एनसीपी नेता जितेंन्द्र आव्हाड की बुधवार को राज ठाकरे के घर पर हुई मुलाकात से राजनीतिक हलके में नई चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा है कि राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण में लगे शरद पवार का संदेश लेकर आव्हाड राज ठाकरे से मिलने गए थे। हालांकि राज ठाकरे के दादर स्थित घर ‘कृष्ण कुंज’ से बाहर आने के बाद आव्हाड ने इसे व्यक्तिगत मुलाकात बताया और कहा कि इस मुलाकात का कोई राजनीतिक प्रयोजन नहीं था। 

बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पिछले दिनों एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का सार्वजनिक साक्षात्कार किया था। उसके बाद से दो-तीन बार दोनों नेताओं की मुलाकात हो चुकी है। हाल ही में मराठी नाट्य सम्मेलन के मंच पर दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। उसके बाद आव्हाड का राज से मिलने जाना राजनीतिक ध्रुवीकरण की चर्चाओं की मुख्य वजह है। 

आंबेडकर ने दिए कांग्रेस-एनसीपी के साथ जाने के संकेत 
दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने आगामी चुनावों में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन सशर्त होगा। आंबेडकर ने बीजेपी के खिलाफ वंचित-बहुजन आघाडी स्थापित कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस-एनसीपी समेत प्रगतिशील रााजनीतिक दलों का साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को हम प्रगतिशील नेता मानते हैं, लेकिन उन्हें अपनी कुछ प्रतिगामी भूमिकाओं में बदलाव करना होगा। 

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