Airtel ने कट्टरता के आरोपों को किया खारिज, कर्मचारियों को देगी ट्रेनिंग

भारती Airtel जाति-धर्म के आधार पर आने वाली शिकायतों और सवालों के बेहतर तरीके से समाधान के लिए अपनी कस्टमर रेस्पॉन्स टीम को ट्रेनिंग देगी। सोमवार को सोशल मीडिया पर एयरटेल के कट्टरता को बढ़ावा देने का आरोप लगने के बाद कंपनी ने यह निर्णय लिया है। टेलिकॉम कंपनी ने इस आरोप को भी खारिज किया है कि उसने एक ग्राहक की मांग पर अपने एक खास धर्म के कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव को बदल दिया। एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया कि भविष्य में भेदभाव के किसी भी आरोप से बचने के लिए कंपनी अपने कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव्स को जातीयता आदि के आधार पर किसी भी अनुरोध या शिकायतों के लिए संवेदनशील बनाएगी। 

नाम छापने की शर्त पर एक एग्जीक्यूटिव ने कहा, 'इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए एग्जीक्यूटिव्स को संवेदनशील बनाने के लिए हम वर्कशॉप करेंगे। मगर हमारी प्राथमिकता हमेशा ग्राहक और उनकी समस्याओं का करना समाधान होगा। हम कॉल के लिए मौजूद पहले एग्जीक्यूटिव के माध्यम से उत्तर देना जारी रखेंगे।'  दरअसल, सुनील मित्तल के स्वामित्व वाली कंपनी एयरटेल के ऊपर सोशल मीडिया पर धार्मिक कट्टरता का आरोप लगा। इस मामले की शुरुआत सोमवार को हुई, जब एक एयरेटल कस्टमर ने सोशल मीडिया पर कंपनी की सर्विस से जुड़ी शिकायत की। उसकी शिकायत पर कंपनी की ऑनलाइन टीम ने जवाब दिया। इस पर ग्राहक ने कहा कि उसकी शिकायत का समाधान कोई दूसरा एजेंट करे, जो एक विशेष धर्म का होना चाहिए। इसके बाद उस एजेंट की जगह दूसरे एग्जीक्यूटिव ने जवाब दिया, जो कस्टमर द्वारा बताए गए धर्म का था। 

यह मामला सोशल मीडिया पर छा गया। इस पर सोमवार शाम को टेलिकॉम कंपनी ने सफाई दी। बुधवार को ऑपरेटर ने मामले की पूरी जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि दूसरे एग्जीक्यूटिव के पास केस इसलिए नहीं गया कि वह ग्राहक के धर्म का था, बल्कि पहले एग्जीक्यूटिव के लॉग आउट करने की वजह से वह केस खुद दूसरे एग्जीक्यूटिव के पास चला गया। 

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