400 गावों में एक लेडी पुलिस ऑफिसर ने ऐसे रोका क्राइम

नई दिल्ली
मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप पर आपके पास रोज हजारों मैसेज आते होंगे, उनमें से कुछ सच होते हैं तो कुछ महज अफवाह होते हैं। लेकिन कौन से मैसेज फेक हैं और कौन से असली इसकी पहचान करना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे मैसेज जो महज अफवाह होते हैं कई बार बड़ी मुसीबत खड़ी कर देते हैं। ऐसी ही मुसीबत को रोकने का बीड़ा तेलंगाना की एक पुलिस ऑफिसर ने उठाया। वॉट्सऐप पर लगातार बढ़ रही फेक न्यूज से चिंतित पुलिस ऑफिसर राजेश्वरी गांववालों के बीच पहुंचीं और उन्हें समझाया की कोई भी मैसेज आगे भेजने से पहले दो बार जरूर सोचें। मैसेज को समझें की आपके पास जो मैसेज आया है वो असली है या अफवाह है। 

400 गावों में नहीं हुई कोई अफवाह की वजह से कोई हत्या
आपको बता दें कि मई-जून के महीने में असम, महाराष्ट्र और तमिलनाडू में व्हाट्सऐप मैसेज से संबंधित किसी अफवाह के चलते 6 लोगों की हत्या की जा चुकी है। इसका अलावा कुछ मैसेजों के जरिए हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव पैदा किया जा रहा है। इन्हीं सब खबरों से चिंतित राजेश्वरी खुद गांववालों के बीच पहुंचीं और उन्हें सतर्क रहने को कहा। लोगों से मिलने पहुंचीं राजेश्वरी ने कहा कि आपके पास मैसेज आते हैं किसी मैसेज में फोटो होता है किसी में वीडियो होता है, आप ये चेक नहीं करते कि आपके पास जो फोटो और वीडियो आया वो सच है या झूठ और बिना सोचे उसे आगे बढ़ा देते हैं। ऐसे किसी भी मैसेज को आगे ना भेंजे किसी भी रूप में ना कानून अपने हाथ में लें और ना किसी और को लेने दें। राजेश्वरी के इस कैंपेन का असर भी देखने को मिला है। जब से तेलंगाना में राजेश्वरी की पोस्टिंग हुई है तबसे करीब 400 गावों में झूठे मैसेज यानी फेक मैसेज के चलते किसी की हत्या नहीं हुई। 

कौन हैं राजेश्वरी 
2009 में राजेश्वरी ने इंडियन पुलिस सर्विस ज्वाइन की थी। उन्हें आंध्र प्रदेश में तैनात किया गया था तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद 2014 वो तेलंगाना की पुलिस ऑफिसर नियुक्त हईं। 39 साल की राजेश्वरी हैदराबाद में एक सरकारी बंगले में रहती हैं। राजेश्वरी ने कुछ गांवों कॉन्स्टेबल को सौंप दिए जहां उन्हें हफ्ते में कम से कम एक बार जरूर जाना होता है। वहां वो लोगों के बीच जाकर उनकी समस्या सुनते हैं जैसे बाल विवाह की समस्या। जब पुलिस कॉन्स्टेबल गांव का दौरान करने गया तो पहले ही दौरे में वो ये देखकर हैरान हो गया कि जो लोग गर्मियों में घर के बाहर सो रहे थे वही लोग बच्चों की किडनैपिंग वाले वीडियो में नजर आ रहे हैं। राजेश्वरी ने बताया की ये सब देखकर वो काफी परेशान हो गई थीं। इसलिए उन्होंने गांववालों के बीच पहुंचकर बात करने का फैसला किया। 

500 ऑफिसर अपने साथ किए ट्रेंड 
पुलिस ऑफिसर ने इस कैंपने के लिए 500 ऑफिसर्स को अपने साथ ट्रेंड किया था। उन्होंने बताया कि लोगों को पढ़ाने के लिए पहले हमने अपने ऑफिसर्स को पढ़ाया। इसके अलावा उन्होंने 100 से ज्यादा गांव के लीडर्स से बात की। हमने गांव वालों से मिलकर उन्हें कुछ वीडियोज दिखाए और सही गलत का फर्क समझाया और कहा कि ऐसे किसी भी मैसेज को आगे ना भेजें जो आग जाकर मुसीबत बन जाए। 

वॉट्सऐप पर सर्कुलेट हो रहे फेक मैसेज पर वॉट्सऐप के प्रवक्ता कार्ल वोग का कहना है कि कुछ लोग इस मैसेजिंग ऐप का गलत फायदा उठा रहे हैं। क्योंकि भारत में 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में हम इन अफवाह वाले मैसेजों पर पूरी तरह से लगाम लगाने को कोशिश कर रहे हैं। आई बी मिनिस्ट्री ने हाल ही में एक कंपनी को इसका टेंडर भी दिया है जो वॉट्सऐप पर झूठे मैसेज पर लगाम लगा सके। 

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