छत्तीसगढ़ सरकार के बजट मैनेजमेंट की विश्वबैंक ने की तारीफ

रायपुर
छत्तीसगढ़ सरकार के बजट मैनेजमेंट की विश्वबैंक ने तारीफ की है। मई 2018 में जारी अपनी रिपोर्ट में विश्व बैंक ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार न सिर्फ आर्थिक संसाधन बढ़ाने में सफल रही बल्कि वित्तीय मामलों में डिजिटिलाइजेशन से लीकेज पर भी अंकुश लगाया है।

छत्तीसगढ़ पिछले दस सालों में बजट संसाधनों को बढ़ाने के साथ ही आर्थिक सुधारों में भी आगे रहा। ट्रेजरी में ई गवर्नेंस का उपयोग कर राज्य स्तर पर और स्थानीय निकायों में खर्च को कंट्रोल करने में सफलता मिली है। प्रदेश राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन अधिनियम को लागू करने में अग्रणी रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार अब अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों को लागू करने की दिशा में बढ़ रहा है। कैसलेश इकानॉमी और पेपरलेस दफ्तर बनाने पर काम किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तब जबकि संस्थागत क्षमता कम है और सुधारों को लागू करने के लिए खास कौशल चाहिए सरकार को कंसल्टेंसी सर्विस लेने की जरूरत पड़ सकती है।

2005-06 में छत्तीसगढ़ सरकार का कुल बजट संसाधन जिसमें प्रदेश सरकार को टैक्स से प्राप्त आय, लोन, ट्रांसफर और केंद्र से मिले एडवांस शामिल हैं 9241 करोड़ था जो 2015-16 में बढ़कर 54667 करोड़ हो गया। 2011 से 2016 तक के पांच साल की योजना में बजट 80 फीसद की दर से बढ़ा है। कुल बजट का करीब 50 फीसद राज्य की राजस्व प्राप्तियों से मिल रहा है। बाकी का 50 फीसद केंद्र सरकार से हासिल किया जा रहा है।

जीएसटी से राजस्व बढ़ा

विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 में जीएसटी लागू के पहले राज्य का जो राजस्व संग्रहण था वह जीएसटी लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वैट को मिलाकर करीब पांच फीसद बढ़ा है। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि राजस्व की यह वृद्धि जीएसटी की वजह से है या फिर जीएसटी से हो रहे घाटे को कम करने के लिए लगाए गए सेस कर से है। 2021-22 के वित्तीय वर्ष तक अगर टैक्स का कोई घाटा होगा तो जीएसटी में उसकी भरपाई का प्रावधान है।

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