हल्की बारिश में बिजली दे रही धोखा, व्यवस्था सुधारने 15 हजार कर्मचारी तैनात

रायपुर।
प्रदेश में प्री मानसून से निपटने के लिए विद्युत कंपनी सौ करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसके बावजूद बारिश शुरू होने के पहले ही इसकी पोल खुल जाती है। शहर में रोज गुल हो रही बिजली ने लोगों को परेशान कर रखा है। बारिश में बिजली संबंधी समस्या का निराकरण के लिए विद्युत कंपनी 10 हजार कर्मचारियों को तैनात किया है, लेकिन उसके बाद भी बिजली कंपनी और उपभोक्ताओं के बीच आंख मिचौली का खेल चल रहा है।
  
राजधानी में हल्की-सी हवा चली तो बिजली गुल होने का सिलसिला शुरू हो जाता है। विद्युत कंपनी की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है, जबकि प्रतिवर्ष विद्युत कंपनी प्री मानसून से पहले लाइन से सटे पेड़ की टहनियां, कंडक्टर और इंसुलेटर आदि बदलने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। उसके बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं।

गौरतलब है कि इस साल प्री मानसून आने से पहले विद्युत कंपनी द्वारा लाइन से सटे पेड़ की टहनियों को काटने, लाइन की पेट्रोलिंग, ट्रांसफार्मर का कंडेक्टर और इंसुलेटर, टांसफार्मर की मरम्मत, ट्रांसफार्मर केबल ज्वाइंट, कटाउट, अर्थिंग तथा विद्युत व्यवस्था सुचारु रूप से बनाए रखने के लिए करीब 10 हजार प्राइवेट कर्मचारियों को तैनात किया है।

तैनात कर्मचारियों को दास्ताना, हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, स्क्रू ड्राइवर आदि सामान के लिए कुल सौ करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उसके बाद भी राजधानी में बिजली काटने का सिलसिला लगातार जारी है। राजधानी के ज्यादातर इलाके में विजली गुल होने की समस्या लगातार बनी हुई है। जबकि कंपनी का दावा है कि वह प्री-मानसून के पहले मरम्मत करती है।

हल्की बारिश से बिजली हो रही गुल, पब्लिक परेशान

बिजली कंपनी शहर में बिजली सप्लाई को लेकर लाख वादे करे लेकिन शिकायतें इनकी पोल खोल रही है। शायद ही जिले भर में ऐसी कोई कॉलोनी होगी जहां पर भीषण गर्मी में बिजली गुल होने की घटना न हुई हो। श्रीनगर, शिवानंद नगर, शंकर नगर, कबीर नगर, पुरानी बस्ती व अन्य क्षेत्रों में हल्की बारिश और हवा में बिजली गुल होने की समस्या से राजधानी वासी को जूझना पड़ रहा है।

हेल्पलाइन पर दो हजार शिकायत

बिजली की शिकायतों के लिए कंपनी लगातार लोगों की सुविधाओं के लिए नई तकनीकी उपयोग कर रही हो, लेकिन इनका फायदा नहीं मिल पा रहा है। विद्युत कंपनी के हेल्प लाइन नंबर पर प्रतिदिन दो हजार से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, शिकायत के बाद बिद्युत कंपनी घंटो बाद उसे ठीक करवा रहा है।

15 हजार कर्मचारी फिर भी नहीं सुधर रही व्यवस्था

बिजली विभाग प्रदेशभर में पांच हजार कर्मचारी तैनात है। विद्युत कंपनी प्री मानसून के लिए करीब 15 हजार एजेंसी के कर्मचारियों को रखती है। इस साल वर्तमान में दस हजार कर्मचारियों को नियुक्त किया है, जरूरत पड़ी तो पांच हजार कर्मचारियों को और नियुक्त किया जाएगा। कर्मचारी नियुक्त होने के बाद भी व्यवस्था बदहाल बनी हुई है।

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