चीन नेताओं ने नहीं दिया वक्त, ममता ने टाली यात्रा

कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों की पुष्टि नहीं होने पर ऐन मौके पर अपनी चीन यात्रा रद्द कर दी। ममता आठ दिन के दौरे पर शनिवार रात ही चीन रवाना होने वाली थीं। कहा जा रहा है कि चीन सरकार के किसी वरिष्ठ नेता के साथ ममता बनर्जी की बैठक आयोजित नहीं की गई थी। इस वजह से ममता ने चीन के रवैये से नाराज होकर ऐसा कदम उठाया। यात्रा रद्द करने को लेकर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भी इसके संकेत मिलते हैं।

दरअसल ममता भारत सरकार और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक शिष्टमंडल का नेतृत्व करने वाली थीं। ममता ने फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में कहा, 'इस साल मार्च में विदेश मंत्री ने मुझसे सिफारिश की थी कि मैं चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के साथ भारत सरकार के आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक शिष्टमंडल के नेतृत्व पर विचार करूं।'

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस प्रस्ताव पर सहमत हो गईं थीं और 'मैंने उनसे (सुषमा से) कहा कि चूंकि इससे हमारे देश का हित जुड़ा है, मैं जून 2018 के आखिरी हफ्ते में किसी समय चीन की यात्रा करना चाहूंगी।' उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और भारत में चीन के राजदूत के बीच पत्राचार से एक कार्यक्रम तय हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कल तक सभी चीजें ठीक चल रही थीं लेकिन दुर्भाग्यवश उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों की पुष्टि नहीं हो पाई।'

किसी वरिष्ठ नेता के साथ मीटिंग की व्यवस्था नहीं की गई थी
ममता ने कहा, 'चीन में हमारे राजदूत ने सूचित किया है कि आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों की पुष्टि नहीं हुई है। लिहाजा, आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत शिष्टमंडल के साथ चीन की मेरी यात्रा का कोई महत्व नहीं है।' बीजिंग स्थित सूत्रों ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने अपने अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री सोंग ताओ के अलावा किसी और वरिष्ठ नेता के साथ ममता की बैठक की व्यवस्था नहीं की थी।

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बताया कि यात्रा रद्द करने के बारे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव वी के गोखले को जानकारी दे दी गई है। सुषमा अभी विदेश में हैं।
चीन के वाणिज्य दूतावास ने जारी किया बयान
इसी बीच कोलकाता स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, 'हमने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 22 जून, 2018 की दोपहर को चीन का अपना दौरा रद्द करने की घोषणा पर संज्ञान लिया है।' इसमें कहा गया, 'चीन भारत के साथ अपने संबंधों और चीनी व भारतीय राज्यों के बीच आदान प्रदान को काफी महत्व देता है। चीन मुख्यमंत्री के दौरे की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था।'

सूत्रों ने कहा कि ममता की यात्रा इस वजह से रद्द की गई कि सीपीसी के अधिकारी मुख्यमंत्री और राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष के तौर पर उनके दर्जे और उनकी यात्रा के महत्व को समझ नहीं पाए। फिलहाल यात्रा रद्द होने को लेकर सीपीसी ने तत्काल को टिप्पणी नहीं की है।

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