दिल्ली में 14 हजार पेड़ काटे जाने के खिलाफ आप का ‘चिपको आंदोलन’ आज

नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14 हजार से अधिक पेड़ काटे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) ने कड़ा एतराज जताया है. साथ ही पार्टी ने 'चिपको आंदोलन' जैसे आंदोलन की चेतावनी दी है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली वासियों से अपील करते हुए कहा है कि पेड़ काटे जाने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ आज शाम पांच बजे सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हों और विरोध दर्ज कराएं

उन्होंने कहा कि रीडेवलपमेंट के नाम पर आम आदमी पार्टी एक भी पेड़ नहीं कटने देगी. यदि पेड़ काटना ही आखिरी रास्ता है तो फिर यह रीडेवलपमेंट (पुनर्निर्माण) प्रोजेक्ट कहीं और ले जाये मोदी जी सरकार! सौरभ ने कहा कि दिल्ली का फेफड़ा पेड़ है अगर इसे ही काट दिया गया तो दिल्ली की सांसें रुक जाएगी.

चिपको आन्दोलन उत्तराखण्ड के चमोली जिले में किसानो ने पेड़ों की कटाई के विरोध में शुरू किया था. साल 1973 में आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैल गया था. आंदोलन का असर ही था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रदेश के हिमालयी वनों में पेड़ों की कटाई पर 15 वर्षों के लिए रोक लगा दी थी.

क्यों काटे जाएंगे पेड़?
केंद्र सरकार ने सरकारी अधिकारियों और नेताओं के लिए आवास बनाने की योजना बनाई है. इसे रीडेवलपेंट का नाम दिया गया है. केंद्र की योजना के मुताबिक, दक्षिण दिल्ली के सात स्थानों पर पुनर्निर्माण के प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटे जाएंगे. सात जगहों में दक्षिण दिल्ली का सरोजनी नगर, नेताजी नगर, नैरोजी नगर, कस्तूरबा नगर, मुहम्मदपुर, श्रीनिवासपुरी और त्यागराज नगर शामिल है. रीडेवलपेंट का काम NBCC और CPWD कर रही है.

आंकड़ों के मुताबिक, सरोजनी नगर में 8,322; नेताजी नगर में 2,315; नैरोजी नगर में 1465; कस्तूरबा नगर में 723; मुहम्मदपुर में 363; त्यागराज नगर में 93, श्रीनिवासपुरी में 750 पेड़ काटे जाएंगे. कुल आंकड़ा 14,031 है. सरकारी दावा ये है कि इनकी जगह डेढ़ लाख पेड़ लगाए जाएंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button