UPSC इंटरव्यू में पूछा, भारत में अंग्रेजी भाषा को क्यों दी जाती है Importance? कैंडिंडेंट ने दिया ये जवाब

 नई दिल्ली 
यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल परीक्षा में से एक है। कम ही लोग ऐसे होते हैं, जो इस परीक्षा को पहले प्रयास में पास कर लेते हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं, राजस्थान के रहने वाले गौरव बुडानिया. जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में रैंक 13 हासिल की है। उन्होंने यूपीएससी इंटरव्यू में 173 अंक हासिल किए हैं।

आपको बता दें, यूपीएससी परीक्षा में सबसे अहम पड़ाव इंटरव्यू का होता है, प्रीलिम्स और मेंस क्लियर करने के बाद उम्मीदवार यहां तक पहुंच पाते हैं. फाइनल इंटरव्यू में किसी भी तरह की गलती की कोई संभावना न रहें, इसके लिए उम्मीदवार यूपीएससी की मॉक इंटरव्यू देते हैं। इससे उम्मीदवारों की यूपीएससी इंटरव्यू  की तैयारी और मजबूत हो जाती है। राजस्थान के रहने वाले गौरव बुडानिया ने भी मॉक इंटरव्यू में शानदार प्रदर्शन किया. उनसे कई ऐसे सवाल पूछे गए हैं जो देश की स्थिति को दर्शाते हैं।

उनसे पूछा गया, क्या आपको लगता है आज के जमाने में अंग्रेजी आना जरूरी है? गौरव ने जवाब दिया, अंग्रेजी एक ग्लोबल लैंग्वेंज है और इस भाषा में रोजगार के मौके सबसे ज्यादा है, इसलिए अंग्रेजी एक जरूरी भाषा बन चुकी है। उनसे पूछा गया, जर्मन, चाइनीज अंग्रेजी भाषा नहीं सीखते हैं, ऐसा क्यों है भारत में अंग्रेजी को इतनी महत्वता दी जाती है।
  
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गौरव ने बताया, इसके दो-तीन प्रमुख कारण हैं, पहला ये है कि हम ब्रिटिश की कॉलोनी रहे थे। उन्होंने 1813 के एक्ट के बाद अंग्रेजी को प्रमोट करना शुरू किया, जिसके बाद से भारत में अंग्रेजी की प्रचलन बढ़ गया। दूसरा ये कि, यूएस की हेजीमनी थी, जिसमें उसकी कल्चरर हेजीमनी का एक पार्ट था कि, अंग्रेजी भाषा को डेवलेप किया जाए। उसके बाद से बाहर से जो MNC आई और जो नौकरी के अवसर हैं, वह अंग्रेजी भाषा को ज्यादा तवज्जों देते हैं।

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